अपर मुख्य सचिव गृह का अफसरों को निर्देश, दो महीने में नीलाम हो सीज वाहन, ट्रैफिक जाम से निपटने को बनाएं मास्‍टर प्‍लान

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी के थानों में कई साल से धूल खा रहे सीज वाहनों की अब दो महीने के भीतर नीलामी हो जाएगी। सोमवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक करते हुए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने ये निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि तय समय में कबाड़ हुई गाड़ियों को हटाकर थाने के प्रांगण खाली कराए जाएं। साथ ही सभी जिलों से हिस्ट्रीशीटर और माफिया की सूची तलब की है।

इस दौरान अवनीश अवस्थी ने ट्रैफिक जाम से राहत के लिए मास्टर प्लान तैयार करने का भी निर्देश दिया है। वहीं बताया कि सभी जनपदों की कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा यातायात निदेशालय से हर जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने की कार्य योजना मांगी गयी है। साथ ही बताया कि पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल 112 से भी नियमित पेट्रोलिंग की व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।

इसके लिए जिला स्तर पर पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर पर जरूरी समीक्षा कर जिलेवार कार्य योजना पुलिस मुख्यालय से मांगी गई है। थानों में खड़े जब्तशुदा वाहनों को अभियान चलाकर नीलामी करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 60 दिनों में थाना प्रांगण में कोई भी जब्त-शुदा वाहन न रह जाए।

इस दौरान अवनीश अवस्थी ने बताया कि खनन, शराब, पशु, वन और भू-माफिया को गैंगस्टर एक्ट में पहचान कर जिला और पुलिस प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट भी मांगी गई है। इन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था को तालमेल बनाकर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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वहीं थाने में टॉप टेन अपराधियों को चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखने के निर्देश दिए गए हैं। चिन्हित अपराधियों द्वारा यदि किसी भी जनपद में अपराध किया जाता है तो सम्बन्धित थाना स्तर एवं उस जनपद के अन्य संबंधित पुलिस अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।

आग से बचाव के लिए सौ दिन में 50 फायर स्टेशन का लक्ष्य एसीएस ने बताया कि प्रदेश की अभी तहसील में अग्निशमन केंद्रों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि जो फायर स्टेशन निर्माणाधीन हैं, उनमें से आगामी सौ दिनों में कम से कम 50 अग्निशमन केंद्रों को क्रियान्वित कर दिया जाए। जिन तहसीलों में अग्निशमन केंद्रों नहीं हैं, वहां फायर टेंडर की अस्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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