परिवार के विरोध के बाद IG लखनऊ को मिला कानपुर हत्‍याकांड जांच का जिम्‍मा, लक्ष्‍मी सिंह ने शुरू की जांच

कानपुर हत्‍या कांड
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कानपुर में आठ पुलिसवालों के हत्यारे विकास दुबे का पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है। वहीं अब इस हत्‍याकांड की जांच का जिम्मा लखनऊ रेंज की आइजी लक्ष्मी सिंह को सौंप दिया गया है। इससे पहले ये जांच स्पेशल टास्क फोर्स को दी गई थी, लेकिन मुठभेड़ में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने इस पर सवाल उठाया था। मंगलवार को कानपुर पहुंची आइजी लक्ष्‍मी सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

परिवार का कहना था कि जब एसटीएफ के डीआइजी अनंत देव खुद इस मामले में संदेह के घेरे में हैं, तो वो इस मामले की जांच कैसे कर सकते हैं। ऐसे में उसी एसटीएफ को जांच सौंपे जाने पर शहीद एसओ के परिवार ने विरोध जताया था। उनके भाई ने कहा, “कोई भी व्यक्ति खुद अपनी जांच नहीं कर सकता। न्याय का सामान्य सा सिद्धांत है कि जिन लोगों पर संदेह होता है उन्हें जांच से दूर रखा जाता है। खुद संदेह के दायरे में आना व्यक्ति क्या जांच करेगा। परिवार ने मांग की थी कि सही जांच कमेटी का चयन किया जाना चाहिए। वरना ऐसे लोग तो सच पर धूल डाल देंगे।”

वहीं आज सीओ बिल्हौर के कार्यालय पहुंची आइजी लक्ष्मी सिंह ने तैनात पूरे स्टाफ को बुलाया और कार्यालय में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया। बंद कमरे में पुलिसकर्मियों से पूछताछ की और कम्प्यूटर समेत अन्य दस्तावेजों की जांच की। साथ ही आईजी के साथ मौजूद फोरेंसिक टीम ने दस्तावेजों और कंप्यूटर की जांच कर कम्प्यूटर और कुछ दस्तावेजों को सील कर दिया है।

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गौरतलब है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा की कानपुर के तत्कालीन एसएसपी रहे अनंत देव को लिखी चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी पर सवाल उठाए गए थे। बाद में खबर आई कि ये महज एक चिट्ठी नहीं है, बल्कि ऐसी आधा दर्जन चिट्ठियां एसटीएफ को सौंपी गई थी।

वहीं ये भी सामने आया कि जिस वक्त ये चिट्ठियां लिखी गई थी उस वक्त अनंत देव कानपुर के एसएसपी थे। कानपुर के एसएसपी होने के बावजूद अनंद देव ने न तो इन चिट्ठियों का किसी तरह का जवाब दिया और न ही इसपर एक्शन लिया गया, फिलहाल अनंत देव एसटीएफ में डीआइजी हैं।

बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहा है। इस वारदात के बाद करीब पांच दिन  बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं, हालांकि चौबेपुर थाने के तीन पुलिसकर्मियों पर संदेह के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है, जबकि इस थाने के प्रभारी विनय तिवारी को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है।

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