आरयू वेब टीम।
अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे पर शनिवार को पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पत्नी पर लग रहे आरोपों के बचाव में उतरे हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘यह समय उंगलियां उठाने का नहीं है। किसी ने यह जानबूझ कर या उकसाने पर किया है तो यह पूरी तरह से गलत है। सिद्धू ने हादसे को कुदरत का प्रकोप करार दिया है।
पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा ‘जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। इतने भयावाह हादसे पर लोगों राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए और न ही आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला जा सकता, बल्कि ऐसे समय में हमें पीडितों का दुख: बांटना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रावण दहन आजकल बटन से होता है, जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ जब आतिशबाजी हुई तो लोग थोड़ा पीछे हटे, इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा रेलवे ट्रैक का, उसी समय ट्रेन आयी और यह हादसा हो गया। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत करने पर पता चला कि ट्रेन बहुत तेज गती से आई और दो सेकेंड में इतना बड़ा हादसा हो गया।
कार्यक्रम कराए जाने संबंधी अनुमति से जुड़े सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह रावण दहन पिछले 50 सालों से हो रहा है। अमृतसर में कई जगहों पर रावण दहन होता है। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए हैं। हमें पीडि़तों का दुख बांटना चाहिए। इस पर राजनीति गलत है।
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मालूम हो कि अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेनों की चपेट में आने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 51 लोग गंभीर रुप से घायल हैं। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ।