जामिया-AMU बवाल मामले में SC सुनवाई को तैयार, बोले CJI किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ हिंसा मामले पर सीनियर वकील इंदिरा जय सिंह ने देश की सर्वोच्‍च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है और मामले पर कल सुनवाई होगी। दरअसल, सीनियर वकील इंदिरा जय सिंह ने चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। वहीं मामले पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सीए बोबडे ने जामिया हिंसा मामले पर नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि, क्योंकि वे स्टूडेंट्स हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले लेंगे। हिंसा रूक जाएगी, तभी हम इस मामले को सुनेंगे। इस समय ऐसा माहौल नहीं है, जब हम कुछ तय कर सकें, दंगे रुकने दीजिए।”

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जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि कौन जिम्मेदार है। हम बस चाहते हैं कि अभी कोर्ट में शांति बनाए रखें। यह मामला हमारे समाने आने दीजिए फिर हम देखेंगे। सीजेआइ ने कहा कि बसों को आग लगाई गई है। सरकारी संपतियों को नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बंद हो।

इस पर इंदिरा जय सिंह ने कहा कि पुलिस आग लगा रही है। इस दौरान इंदिरा जय सिंह ने इतनी जोर-जोर से बोला कि कोर्ट को कहना पड़ा कि पहले आप माइक बंद करें। इंदिरा जय सिंह ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित सारे देश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हिंसा की जा रही है कई लोग अस्पताल में पड़े हैं और उनके खिलाफ ही एफआइआर दर्ज की गई है, गिरफ्तार हुए हैं। यह मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन है। जामिया में पुलिस ने ही बसें जलाईं हैं। साथ ही कई वकीलों ने कहा कि कई छात्र गायब हैं।

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