जानें मायावती को क्‍यों कहना पड़ा, अब पछताने से क्‍या होगा जब चिड़िया चुग गई खेत

बद्रीनाथ ज्ञानवापी पर बयानबाजी
मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। सप, बसपा व रालोद का गठबंधन के टूटने के बाद से चल रही सियासी बयानबाजी और अटकलों के बीच गुरुवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ा बयान दिया है। यूपी की पूर्व सीएम ने आज सवाल उठाने के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की कार्यप्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है।

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मायावती ने देश में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के औचित्‍य पर सवाल उठाते हुए मीडिया से कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा लोकसभा चुनाव समाप्त हो जाने के बाद जारी किए गए अपने डाटा में चुनाव-पूर्व की इस बुरी खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है कि देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 सालों में सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत पर जा पहुंची है, लेकिन गरीबी व बेरोजगारी के शिकार करोड़ों लोगों द्वारा अब पछताने से क्या होगा जब चिड़िया चुग गई खेत?

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कैसे होगा गरीब जनता का कल्याण

वही बसपा सुप्रीमो ने आर्थिक विकास दर के बारे में आगे कहा कि इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ ही देश के लिए यह भी अच्छी खबर नहीं है कि भारत के आर्थिक विकास की दर घटकर 5.8 प्रतिशत पर पहुंचकर काफी नीचे चली गई है। मायावती वजह बताते हुए कहा कि जीडीपी (घरेलू सकल उत्पाद) विकास की यह दर कृषि व फैक्ट्री उत्पाद में भारी गिरावट का परिणाम है। वहीं अपने बयान के अंत में उन्‍होंने मीडिया के जरिए सवाल उठाते हुए कहा कि चिंता की बात यह है कि पहले से ही त्रस्त देश की गरीब जनता का सही कल्याण कैसे होगा?

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