आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डीजीपी सुलखान सिंह तक की लाख नसीहतों और चेतावनियों के बाद भी सूबे की पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला उन्नाव जिले के कोतवाली क्षेत्र का है। यहां बेटी की रेप के बाद हत्या हो जाने के बाद भी न्याय नहीं मिलने पर आज एक परिवार ने राजधानी पहुंचकर विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की है।
हालांकि वहां पर तैनात पुलिसकर्मिययों की मुस्तैदी के चलते परिवार के सदस्य अपने ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेलने के बाद भी आग लगाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। हजरतगंज पुलिस उससे पहले ही तीनों को पकड़कर कोतवाली ले गयी। जहां से बाद में उन्हें उन्नाव भिजवा दिया गया।
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पीडि़त व्यक्ति ने बताया कि वह कोतवाली इलाके के एक मकान में कमरा लेकर पत्नी दो बेटियों व बेटे के साथ रहता है। मकान के ऊपरी हिस्से में अन्य लोग रहते हैं। बीते 24 सितंबर को उनकी 12 वर्षीय बेटी छत पर पढ़ने गई थी। तभी तीन युवकों ने उसके साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी और घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए लाश को एक मामूली सी कील के सहारे लटका दिया।
‘इंस्पेक्टर ने गाली बककर भगाया, कार्रवाई की जगह वसूल लिए सात लाख’
लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी कोतवाली पर देने के बाद भी पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसके साथ ही इंस्पेक्टर ने पीडि़त पति-पत्नी को कोतवाली से गाली देकर भगा दिया। इतना ही बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या जैसे संगीन मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की जगह इंस्पेक्टर और हल्का इंचार्ज ने केस को रफा-दफा करने के लिए दूसरे पक्ष से सात लाख रुपए नकद लिए हैं।
सीओ हजरतगंज ने बताया कि कार्रवाई के संबंध में उन्नाव पुलिस से बातचीत करने के बाद परिवार को उन्नाव भेज दिया गया है। साथ ही मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है।
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