आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गन्ना मूल्य बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन ने विधानसभा के सामने गन्ने की होली जलाने के साथ ही नारेबाजी की। गन्ने के मूल्य में दस रुपए की योगी सरकार की ओर से की गई बढ़ोतरी को भद्दा मजाक बताते हुए किसानों ने आरोप लगाया कि चीनी मिलों से मिली भगत के चलते उसने गन्ना किसानों के हितों पर कुठारघात किया है।
भकियू के मण्डल अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने बताया कि सरकार में आने से पहले भाजपा ने किसानों से बड़ें-बड़ें वादे किए थे। लेकिन अब योगी सरकार चीनी मिलों के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। पिछले साल अखिलेश सरकार ने गन्ना मूल्य में कुल 25 रुपए की बढ़ोतरी की थी तो आज भाजपा की सरकार में बैठे लोगों ने ही इसे नकाफी बताते हुए गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति कुंतल करने की मांग कर रहे थे और अब मात्र दस रुपए की बढ़ोतरी कर इसे मील का पत्थर साबित करने की कोशिश की जा रही है।
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किसानों ने आज मांग की है कि गन्ना मूल्य पर एक बार फिर विचार करने के साथ भाजपा सरकार उसका दाम 450 प्रति कुंतल करें, जबकि आलू का दाम एक हजार रुपए और धान का मूल्य 1545 रुपए प्रति कुंतल करें। यूनियन के नेताओं का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुए तो किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद सरकार चाहे तो उन पर लाठी, गोली चलवाने के साथ ही जेल भिजवाने का काम करें। वह इन सबसे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।
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बताते चलें कि कल ही गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री सुरेश राणा ने प्रेसवार्ता कर गन्ने के मूल्य में दस रुपए की बढ़ोतरी के साथ ही उसके भाड़ें में करीब 50 प्रतिशत कम करने की घोषणा करते हुए किसानों को बड़ी राहत देने का दावा किया था। इसके बाद से ही किसान यूनियन के अलावा सपा, आरएलडी समेत दूसरे दलों ने इसे किसानों के नाइंसाफी बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया था।
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