आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। योगी सरकार के अनुपयोगी कानूनों को चिन्हित कर खत्म करने के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद ही मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को त्वरित और सुगम न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए थे। न्यायिक सुधार की ओर पहल करते हुए मुख्यमंत्री ने कानूनों की समीक्षा भी की थी।
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प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री से निर्देश मिलने के बाद शासन ने अलग-अलग विभागों से अपने कानूनों की समीक्षा करने का आदेश दिया और बेकार हो चुके कानूनों की जानकारी मांगी। इस तरह कुल 252 कानून सामने आए जो असामयिक और अनुपयोगी हैं।
योगी सरकार की कैबिनेट में कानूनों को समाप्त करने के लिए गए फैसले की सराहना करते हुए चन्द्रमोहन ने आगे कहा कि ये भाजपा सरकार का न्याय सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे न केवल विभागों को कानूनी झंझटों से आजादी मिलेगी, बल्कि जनता को भी इनके दुरुपयोग से होने वाली दिक्कतों से निजात मिलेगी। अंत में प्रदेश प्रवक्ता बोले कि भाजपा सरकार के मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ के तहत किए गए न्याय व्यवस्था में सुधार से प्रदेश में रहने वाले हर तबके को राहत मिलेगी।