आरयू ब्यूरो,लखनऊ/प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही हाई कोर्ट ने इस बारे में योगी सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
वहीं जवाब दाखिल होने तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस अजीत कुमार की बेंच में ये सुनवाई हुई। इस पूरे मामले में आजम खान पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर गेट बनाने का आरोप था, जबकि आजम खान की तरफ से दलील दी गई थी कि, यूनिवर्सिटी की जमीन पर गेट बनाया गया है। इस मामले में अब सितंबर महीने में अगली सुनवाई होगी।
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गौरतलब है कि रामपुर के जनपद न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने जौहर विवि का गेट तोड़ेने के एसडीएम कोर्ट के आदेश को बहाल रखते हुए यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया था। इस मामले में आजम खान पर करीब सवा तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, जिसे जिला अदालत ने घटाकर 1.63 करोड़ रुपये कर दिया था। जुर्माने की राशि की वसूली के लिए पिछले दिनों आजम खान के घर पर नोटिस भी चस्पा की गई थी।
जौहर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को तोड़े जाने का मामला करीब दो साल से सेशन कोर्ट में विचाराधीन था। एसडीएम सदर ने 25 जुलाई 2019 को यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोड़ने के आदेश जारी किया था। इसके बाद सपा सांसद आजम खान की ओर से हाई कोर्ट की शरण ली गई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए सेशन कोर्ट जाने की छूट दी थी। इसके बाद मामला सेशन कोर्ट में चल रहा था।
कोर्ट ने गेट तोड़ने के एसडीएम के आदेश को बहाल रखा था। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया था। साथ ही गेट को तोड़ने का आदेश रामपुर की एक अदालत ने दो अगस्त को दिया था।