J&K विधानसभा भंग किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका SC ने की खारिज, कहा हम नहीं देना चाहते दखल

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। यह याचिका पूर्व बीजेपी विधायक गगन भगत ने दायर कर राज्यपाल के फैसले का विरोध किया था।

भाजपा नेता भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल की पीठ ने कहा, ‘‘हम दखल नहीं देना चाहते हैं। बता दें कि विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा मजाक है कि आप पांच महीने तक विधानसभा को निलंबित रखते हैं और जब कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने का दावा पेश करती है तो आप विधानसभा को भंग कर देते हैं। यह नीति गलत और अलोकतांत्रिक है।

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मालूम हो कि राज्यपाल ने 21 नवंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दिया था। राज्यपाल ने यह फैसला ऐसे समय में लिया था जब सूबे की प्रमुख पार्टियों के दो अलग-अलग गठबंधनों ने सरकार बनाने का दावा किया था। पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन वाले पत्र राज्यपाल ऑफिस में फैक्स किए थे। वहीं सज्जाद लोन ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था।

इसके बाद राज्यपाल ने विधायकों के खरीद-फरोख्त की आशंका को देखते विधानसभा को भंग कर दिया था। इस फैसले से वे विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए थे। हालांकि बाद में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि अगर वह जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक संकट के लिए दिल्ली के दिशा-निर्देशों की ओर देखते तो उन्हें बीजेपी समर्थित सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता। साथ ही राज्यपाल ने तबादले की भी आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था, “मुझे नहीं पता मेरा यहां से कब तबादला हो जाएगा, लेकिन जब तक मैं यहां हूं, मैं लोगों को आश्‍वस्त करता हूं कि जब भी आप मुझे बुलाएंगे, मैं आ जाऊंगा।

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