आरयू ब्यूरो,प्रयागराज/लखनऊ। गुजरात और राजस्थान के गवर्नर रहे जस्टिस अंशुमान सिंह का (85) निधन हो गया है। उन्होंने सोमवार लखनऊ के एसजीपीजीआइ में अंतिम सांस ली। अंशुमान सिंह कुछ समय पहलेे कोरोना की चपेट में आ गए थे। कोविड की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ और वह लगातार अस्पताल में ही भर्ती रहे। जस्टिस अंशुमान सिंह के निधन की खबर पर राजनीतिक-सामाजिक संगठनों और न्यायपालिका से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह जनवरी में कोरोना संक्रमित हुए थे, जिसके कारण घरवालों ने उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन लगभग 25 दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गयी थी, जिस कारण उन्हें कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज करके सीसीएम में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन बीते दिन उनकी तबियत लगातार खराब होती चली गयी, जिसके बाद सोमवार तड़के चार बजे उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। परिवार के लोगों का कहना है कि उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनका अंतिम संस्कार प्रयागराज के रसूलाबाद घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
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बता दें कि जस्टिस अंशुमान का जन्म साल 1935 में प्रयागराज के शंकरगढ़ इलाके के एक छोटे से गांव में हुआ था। कानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने प्रयागराज की जिला कचहरी से अपनी वकालत शुरू की थी। कुछ ही सालों में वह हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे थे। तकरीबन 28 सालों तक वकालत करने के बाद वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए थे। बाद में उनका तबादला जयपुर हाईकोर्ट के लिए हो गया था। राजस्थान में वह कुछ दिनों तक एक्टिंग चीफ जस्टिस भी रहे।
राजस्थान हाईकोर्ट के गवर्नर पद से हटने के बाद वह प्रयागराज शिफ्ट हो गए थे। पिछले साल कोरोना काल में उनका बेटा जब अमेरिका से भारत वापस लौटा तो उन्होंने उसे एयरपोर्ट से ही वापस लौटाकर अनूठी मिसाल पेश की थी। उनका मानना था संक्रमित होने की सूरत में अमेरिका से लौट रहा बेटा भारत में भी कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।