के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से राहत, दिल्ली शराब घोटाला मामले में मिली जमानत

के कविता को जमानत
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में के. कविता को जमानत दे दी है। इससे पहले अदालत ने इसी मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को भी जमानत दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की क्लास भी लगाई है। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर की बेटी के कविता को ईडी ने मार्च में उनके हैदराबाद स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सीबीआइ ने उन्हें 11 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया था।

मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से सवाल किया कि उनके पास यह साबित करने के लिए क्या ‘‘सामग्री” है कि बीआरएस नेता के. कविता कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में शामिल थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आप और अधिक टिप्पणियां चाहते हैं तो हम आपको चेतावनी दे रहे हैं। इस न्यायालय ने बार-बार कहा है कि जमानत पर विस्तृत बहस से बचना चाहिए।

साथ ही जांच पूरी हो गई है, आरोप पत्र और ईडी में शिकायत दायर की गई है, सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है और फिर ये एक महिला का मामला है। बीआरएस नेता की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने दलील रखी। रोहतगी ने कहा कि वह कहीं भागकर नहीं जाएंगी। वह एक पार्टी की नेता हैं। इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही। वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मांगी है। उनके पिता मुख्यमंत्री थे।

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उनके पास राजनीतिक विरासत है, सह आरोपित मनीष सिसोदिया को जमानत आपने दी है। मेरे मामले में सीबीआई-ईडी के दोनों मामलों में जांच पूरी हो गई है। दोनों मामलों में कुल मिलाकर 493 गवाह, 50,000 पन्नों के दस्तावेज और 57 अभियुक्त हैं। वह मौजूदा एमएलसी हैं, ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागेंगी। हाई कोर्ट ने कहा है कि उन्हें राहत नहीं मिलेगी क्योंकि वह एक प्रभावशाली महिला नहीं हैं।

जस्टिस गवई ने हल्के-फुल्के अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि आप एमएलए-एमएलसी हैं, इसलिए आप जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है, असुरक्षित नहीं है। रोहतगी ने कहा कि साउथ ग्रुप में पैसा ले जाने के मामले में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं हुई। आरोप है कि मैंने गवाह को धमकाया, लेकिन कोई मामला नहीं है। बेंच ने सीबीआइ -ईडी के लिए पेश हुए एएसजी एसवी राजू से पूछा कि कविता के लिए लाभकारी प्रावधान क्यों लागू नहीं होगा? एएसजी ने जवाब दिया कि कविता ने फोन को नष्ट कर दिया और फॉर्मेट कर दिया।

रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैंने इसे अपने नौकर को दे दिया था। एएसजी ने कहा कि उनमें से एक आईफोन था? रोहतगी ने कहा कि हां, तो क्या हुआ? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहतगी, अब हम राजू को सुन रहे हैं। एएसजी ने कहा कि उनका आचरण सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को धमकी देने वाला है।

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