आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार ने एक और प्रशासनिक फेरबदल किया है। प्रदेश के पांच सीनियर आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सीबीआइ की जांच में फंसे आइएएस अपर मुख्य सचिव (वित्त) प्रशांत त्रिवेदी को हटाकर उन्हें यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम का चेयरमैन बनाया गया है। वहीं कानपुर मंडल में तैनात कमिश्नर राजशेखर को सचिव (कृषि) बनाया गया है।
इसके अलावा दीपक कुमार को वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि सहारनपुर में तैनात रहे लोकेश एम. को कानपुर के नए कमिश्नर के पद पर नियुक्ती दी गई है। वहीं यशोदा ऋषिकेश भास्कर को सहारनपुर का कमिश्नर बनाया गया है।
दरअसल, 2019 में आयुष कॉलेजों में यूजी-पीजी में दाखिले के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी सहित अन्य आला अफसरों पर घूस लेने का आरोप है। मामले की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने आठ गवाहों से पूछताछ की थी। इसमें ये बातें सामने आईं कि मंत्री ने अपने बंगले पर एक करोड़ पांच लाख रुपए लिए। जबकि प्रशांत त्रिवेदी ने भी 25 लाख लिए।
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एसटीएफ ने इन बयानों को कोर्ट में भी सब्मिट किया। ये भी आरोप भी लगे थे कि घूस के पैसों की बंदरबांट निदेशक से लेकर सचिव व सेक्शन अफसर तक हुई। छात्रों को सीट आवंटन के नाम पर कॉलेजों से बड़ी राशि लिए जाने के भी आरोप हैं।
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आयुष विभाग में फर्जी दाखिले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। जांच के घेरे में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी हैं। माना जा रहा है कि हाई कोर्ट की फटकार के बाद आईएएस प्रशांत त्रिवेदी को साइड में तैनाती दी गई।