कानपुर शेल्टर होम केस में सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, 50 बच्चियां मिली थीं कोरोना संक्रमित

कानपुर शेल्टर होम
कानपुर शेल्टर होम। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस संकट में कानपुर के एक (शेल्टर होम) बाल संरक्षण गृह में 50 से अधिक बच्चियों के कोरोना पॉजिटिव होने से हड़कंप मच गया था। इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने ऐडवोकेट गौरव अग्रवाल को ऐमिकस क्यूरी नियुक्त किया। मामले में अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम में कोरोना से बच्चों की सुरक्षा से संबंधित इस मामले की सुनवाई के दौरान वकील गौरव अग्रवाल को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा को शेल्टर होम में कोरोना के मद्देनजर बच्चों की स्थिति पर दस जुलाई तक जवाब अपना दाखिल करने को कहा है।

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गौरतलब है कि कानपुर में स्थित राजकीय बालिका गृह में प्रशासनिक चूक का खामियाजा यहां की लड़कियां भुगत रही है। बालिका गृह की नौ और लड़कियां 29 जून को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इससे पहले बालिका गृह की 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव मिली थीं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 66 हो गया।

इस पूरे मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शेल्टर होम के संबंध में गलत सूचनाएं फैलाए जाने के खिलाफ एक्शन नहीं लेने और विभाग का पक्ष नहीं रखे जाने के कारण प्रोबेशन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

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