आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपीपीसीएल कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले को लेकर कांग्रेस योगी सरकार का पीछा छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है। मंगलवार को एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हमलावर होते हुए गंभीर आरोप लगाने के साथ ही सवाल भी उठाएं हैं।
आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से कहा कि कर्मचारियों की 23 सौ करेाड़ रूपये की भविष्य निधि योगी सरकार में ही निवेश की गयी थी। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार बनने के बाद सात अक्टूबर 2017 से दिसंबर 2018 तक हुए निवेश में कर्मचारियों की 2300 करोड़ रूपये की भविष्य निधि फंसने की जिम्मेदार योगी सरकार ही है, लेकिन इसके बाद भी पूरी योगी सरकार ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा समेत अन्य जवाबदेह लोगों को न सिर्फ बचा रही, बल्कि खुद भी जवाब देने से भाग रही है। योगी सरकार कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई का हिसाब दे साथ ही इस पूरे मामले के लिए जिम्मेदार ऊर्जा मंत्री को तत्काल बर्खास्त करे।
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मीडिया से बात करने के दौरान आज प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई पर चुप्पी साधकर मुख्यमंत्री आखिर किसे बचाना चाहते हैं, अब यह साफ हो गया।
अजय कुमार ने सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि एक ओर डीएचएफएल अपने पक्ष में बात कर रही है लेकिन जिम्मेदारी तो सरकार की होनी चाहिए। आखिर सरकार इस पूरे मामले पर श्वेत पत्र जारी करने से क्यों कतरा रही है? सीएम योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रभाव से ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं? चेयरमैन आलोक कुमार पर इतनी मेहरबानी क्यों है? ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब सरकार के पास नहीं है।