आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के राज्यपाल राम नाईक के सम्मान में गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में ‘अभिनन्दन समारोह’ का आयोजन किया गया। राज्यपाल के पांच साल के कार्यकाल के पूरा होने पर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने राज्यपाल के पांच साल के कार्यकाल के लिये खड़े होकर अभिवादन किया। इस दौरान राज्यपाल कुछ भावुक होते भी दिखाई दिए।
वहीं राज्यपाल ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब कुलपतियों ने सामूहिक रूप से कुलाधिपति का अभिनन्दन किया है। अपने कार्यकाल के बारे में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति के रूप में पांच साल बीत गये, पता ही नहीं चला। प्रथम पत्रकारवार्ता में कहा था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिये प्रयत्न करूंगा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करूंगा। राजभवन के दरवाजे सबके लिये खुले हैं, महामहिम नहीं माननीय कहकर संबोधित करें तथा उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये प्रयास करूंगा। मुझे समाधान है कि उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर अग्रसर है, गत वर्ष का इंवेस्टर्स समिट इस बात का द्योतक है।
साथ ही उन्होंने आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि राजभवन में 30,589 व्यक्तियों से प्रत्यक्ष मुलाकात की। पांच साल में राजभवन में 225 आयोजनों, लखनऊ में 957 सार्वजनिक कार्यक्रमों, लखनऊ के बाहर उत्तर प्रदेश में 536 सार्वजनिक कार्यक्रमों में तथा उत्तर प्रदेश के बाहर 148 सार्वजनिक कार्यक्रमों सहित कुल 1,866 कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया है।
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राम नाईक ने कहा कि विश्वविद्यालय नये ज्ञान और नवीन चिंतन का स्रोत हो सकते हैं। हमारी भावी पीढ़ियों की सफलता हमारी नवान्वेषण की क्षमता पर निर्भर करती है। विज्ञान और तकनीक का प्रभाव तब दिखायी देता है जब वह आम आदमी के जीवन में बदलाव लाये। युवा पीढ़ी देश के भावी कर्णधार हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय अपने छात्रों में वह भाव उत्पन्न करें जिससे वे समाज और देश के प्रति समर्पित नागरिक बन सकें। समाज का भविष्य भी इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने विद्यार्थियों को किस तरह ढालते हैं।
राज्यपाल ने आदर्श के रूप में अपने को किया स्थापित
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में पारदर्शी व्यवस्था में विश्वास रखा तथा स्वयं भी नियमों का पालन करते रहें और दूसरों को भी नियमानुसार कार्य करने के लिये प्रेरित करते थे। राज्यपाल ने अपने को आदर्श के रूप में स्थापित किया है। असामान्य स्थिति में कैसे सामान्य रहा जाये, राज्यपाल उसके उदाहरण हैं।
…‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ का आयोजन हुआ शुरू
वहीं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि पूरे यूपी के लिए राज्यपाल राम नाईक अभिभावक स्वरूप हैं। राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने हर दिन नई सक्रियता के साथ प्रदेश को बहुत कुछ दिया है। साथ ही राज्यपाल की प्रेरणा से ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ का आयोजन शुरू हुआ, जिसके माध्यम से सरकार ने ‘एक जिला-एक उत्पाद’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की।
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समारोह में एलयू के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उपस्थित कुलपतियों ने अपने-अपने स्तर से राज्यपाल का अभिनन्दन पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम में केजीएमयू के वीसी एमएलबी भट्ट सहित अन्य राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों के अलावा एलयू के शिक्षक व तमाम छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहीं।