आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 लगभग हटने के बाद वहां का दौरा कर यूरोपियन यूनियन के सांसदों के दल ने मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया है। आज एक प्रेसवार्ता कर ईयू डेलीगेशन ने कश्मीर में जो देखा, सुना और समझा वह व्यक्त किया है।
ईयू सांसदों ने कश्मीर पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार का फैसला सही है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांति प्रिय देश है, कश्मीर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
साथ ही अनुच्छेद 370 को इन सांसदों ने भारत का आंतरिक मसला बताते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान को इस मसले पर आपस में बात करनी चाहिए।
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विपक्षी दलों के राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी व अन्य नेताओं द्वारा ईयू डेलीगेशन के कश्मीर दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया देने वालों को भी जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग नाजी लवर्स नहीं हैं, अगर हम होते तो हमें कभी चुना नहीं जाता। उन्होंने इस शब्द के प्रयोग पर काफी आपत्ति भी जताई। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने ईयू सांसदों की तुलना नाजी लवर्स से की थी और उनपर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि हमने यहां लोगों से बातचीत की जिससे स्थानीय मुद्दों को समझने में मदद मिली। एक कश्मीरी ने बताया कि यहां बहुत ज्यादा भष्टाचार है, दिल्ली से जो पैसा आता है वो भष्ट्राचार की भेंट चढ़ जाता है। एक सांसद ने कहा कि सब चाहते हैं कि कश्मीर में स्कूल-कॉलेज और अस्पताल खुले। कश्मीर आना हमारे लिए अच्छा अनुभव रहा। भारत की जो आंतरिक राजनीति है उससे हमारा कोई मतलब नहीं है।
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वहीं आतंकवाद के मुद्दे और पाकिस्तान के कश्मीर राग पर भी जवाब देते हुए सांसदों ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं, आतंकवाद का मसला यूरोप के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान कश्मीर के बारे में दुष्प्रचार कर रहा है। जम्मू-कश्मीर को दूसरा अफगानिस्तान बनते नहीं देखना चाहते। यहां के लोग शांति और विकास चाहते हैं।