आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अनुच्छेद 370 लगभग हटने के बाद से लगातार जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने जा रहे विपक्षी दलों को एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया। वही अब केंद्र सरकार ने पहली बार विदेशी सांसदों को वहां जाने देने की अनुमति दी है। जिसके बाद से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इसे लेकर मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाएं हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज अपने अधिकारिक ट्वीट अकाउंट से ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कह कि ‘कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत, लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया। बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।’
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इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ईयू सांसदों को जम्मू-कश्मीर जाने देने और भारतीय सांसदों पर ‘बैन’ को लेकर सवाल उठाए थे। राहुल ने ट्वीट किया कि ‘यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर दौरे के लिए स्वागत है, लेकिन भारतीय सांसदों पर प्रतिबंध है और एंट्री नहीं है। इसमें कहीं न कहीं कुछ बहुत गलत है।’
दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू-कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।
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मालूम हो कि यूरोपीय सांसदों का 23 सदस्यीय दल मंगलवार दोपहर दिल्ली से श्रीनगर पहुंचा। वे श्रीनगर में कई स्थानों पर जाएंगे। दरअसल, यह दुनिया को कश्मीर की सच्चाई से रूबरू कराने की भारत की पहल है, जिसको लेकर पाकिस्तान झूठी खबरें फैला रहा है। यूरोपीय संघ की संसद में भी कश्मीर पर चर्चा हुई थी। ऐसे में वहां के सांसदों के कश्मीर का हाल देखने से दुनिया को सच्चाई पता चलेगी।
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बता दें कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा है। कश्मीर दौरे पर जाने वाले इस दल के सदस्य और वेल्स से यूरोपियन संसद के सदस्य नाथन गिल ने उम्मीद जताई कि इस दौरे से जमीनी हालत जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए एक शानदार मौका है जब हम विदेश प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर जाकर हालात का जायजा लेंगे और जमीनी हकीकत को खुद देखेंगे।’