आरयू वेब टीम।
भारतीय जनता पार्टी आज शाम उत्तर प्रदेश के 32 वें मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करने जा रही है। अंतिम समय में दावेदारों ने भागदौड़ तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि सीएम की रेस में मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे है, लेकिन कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने भाजपा आला कमान पर इस बात के लिए दबाव बनाया है कि मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति से होना चाहिए।
उनका दबाव कितना काम करता है यह तो देर शाम तक साफ हो जाएगा। इसके साथ यह भी तय हो जाएगा कि मनोज सिन्हा सीएम की कुर्सी पाने में वाकई सबसे आगे थे, या सिर्फ चर्चांओं में ही आगे थे। फिलहाल उत्तर प्रदेश के साथ ही देश भर के लोगों की निगाह यूपी के सीएम की कुर्सी पर लगी है।
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समर्थकों ने किया प्रदर्शन
दूसरी ओर आज केशव प्रसाद मौर्या के समर्थकों ने भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर लखनऊ के प्रदेश कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथ में नारे लिखे बैनर भी थे। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ के समर्थकों ने भी उन्हें सीएम बनाने की मांग पर आज प्रदर्शन किया है।
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गोरखपुर से बुलाए गए आदित्यनाथ
इन सबके बीच मामले पर चर्चा करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज सुबह उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को अपने घर बुलाया और इस बैठक में भाग लेने के लिए गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ को भी बुलाया गया है। योगी को लाने के लिए दिल्ली से चार्टर्ड प्लेन भेजा गया है।
योगी को इस तरह से दिल्ली बुलाने पर अब यह भी समझा जा रहा है कि भाजपा अंतिम समय में प्रदेश की कमान अपने फायर ब्रांड नेता और गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के हाथों में दे सकती है।
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पहले ही तय हो चुका है नाम, RSS की भी मुहर
जानकार कह रहे है कि सीएम का नाम तय होने के बाद भाजपा में किसी तरह के आपसी विवाद से बचने में पार्टी हाइकमान काफी फूंक-फूंकर कदम रख रही है। हालांकि सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि यूपी के सीएम पद का नाम तय हो चुका है। नाम पर आरएसएस की भी सहमति है। आज शाम लखनऊ में होने वाली विधायक दल में उसका नाम रखकर बस घोषणा करने की औपचारिकता भर पूरी करना बाकी है।