लखीमपुर कांड: मृतक के परिजनों को 45-45 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी देगी सरकार, रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी जांच

किसान व प्रशासन के बीच सुलाह
मीडिया के सामने बोलते एडीजी लॉ एंड ऑडर प्रशांत कुमार साथ में राकेश टिकैत।

आरयू ब्‍यूरो,लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया है। समझौते के तहत मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। सरकार के आश्‍वासन के बाद रविवार से जारी आंदोलन को किसानों समाप्‍त कर दिया है। साथ ही  इस पूरे मामले की न्‍यायिक जांच हाइ कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में  होगी।

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रशासन व किसानों के बीच हुई वार्ता की जानकारी देते हुए बताया, ”कल लखीमपुर खीरी में हुई घटना में किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे। सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।” इसके अलावा मृतक किसानों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

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साथ ही बताया कि, ”सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है, हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है।” वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने तय किया है कि यहां छह अक्टूबर तक आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियां तैनात रहेंगी।

बता दें कि तीन अक्टूबर की शाम लखीमपुर में हुई हिंसा में नौ लोग मारे गए थे। इनमें चार किसान, तीन भाजपा कार्यकर्ता और एक उनका ड्राइवर शामिल है। चार अक्टूबर को घटना में घायल एक पत्रकार ने भी दम तोड़ दिया। इस तरह कुल नौ लोगों की मौत हुई है।

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