आरयू वेब टीम। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन के दौरान 17 मामले दर्ज हुए थे, जिन्हे दिल्ली सरकार ने वापस लेने के फैसले को मंजूरी दे दी है। साथ ही इसमें एक मामला पिछले साल 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा से भी जुड़ा हुआ। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर की ओर से गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को 31 जनवरी को भेजी गई मामलों से संबंधित फाइल को सोमवार को कानून विभाग की राय लेने के बाद मंजूरी दी गई।
ध्यान देने वाली बात है कि दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान दर्ज किए गए 54 मामलों में से 17 मामलों को वापस लेने का फैसला किया था। इसमें लगभग 200 से 300 प्रदर्शनकारियों और 25 ट्रैक्टरों के लाहौरी गेट के जरिये लाल किले पहुंचने का मामला भी शामिल है, जिसके चलते टिकट काउंटरों और सुरक्षा जांच उपकरणों को नुकसान हुआ था।
इसके अलावा एक और मामला दर्ज किया गया है जिसमें 150 से 175 ट्रैक्टरों पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के लोनी से दिल्ली में प्रवेश करने वाले किसानों के खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस थाने शिकायत दर्ज है। आरोप यह भी है कि उन किसानों ने पुलिस कर्मियों के कर्तव्यों में बाधा डाली और उन पर हमला भी किया।
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अधिकतर मामले दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले और किसान आंदोलन के दौरान कोविड-19 नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं।
बता दें कि नवंबर 2020 में आंदोलनकारी किसानों ने संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन किया था। मोदी सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसानों ने एक साल बाद यानी दिसंबर 2021 में आंदोलन खत्म कर दिया।