तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान ने सिंधु बॉर्डर पर फांसी लगाकर दी जान

सिंधु बॉर्डर पर मिला शव
मौके पर जांच करती पुलिस।

आरयू वेब टीम। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब एक साल से दिल्ली-पंजाब के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे हैं। बुधवार को इसी सिंघु बॉर्डर पर एक किसान का फंंदे से लटका शव मिला है। जिसे देख लोग उसके खुदकुशी करने का अंदेशा जता रहे हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी जांच शुरू करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

मरने वाले किसान का नाम गुरप्रीत सिंह पुत्र गुरमेल सिंह (45) बताया जा रहा है। किसान गांव रुड़की, फतेहगढ़ साहिब जिले का रहने वाला है, जो किसान आंदोलन में शामिल था। फिलहाल मौत के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है।

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मिली जानकारी के अनुसार वे अंसल सुशांत सिटी के पास ट्रॉली में अकेला ही रह रहा था। बुधवार सुबह उसे पास के ही नीम के पेड़ पर रस्सी से लटका हुआ पाया गया। साथी किसानों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत के नागरिक अस्पताल में रखवा दिया है। कुंडली पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी, पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले एक साल से दिल्ली के गाज़ीपुर, टिकरी और सिंघु बोर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। वहीं, सरकार किसानों की मांग मानने के मूड में नहीं है। किसान और सरकार के बीच अबतक कई दौर की बातचीत हो चुकी हैं, लेकिन बैठक बेनतीजा ही रही।

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