आरयू वेब टीम। तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के मुद्दे पर गुरुवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन तक निकाले जा रहे कांग्रेस नेताओं के मार्च को पुलिस ने रोक दिया गया। वहीं प्रियंका गांधी को इस दौरान हिरासत में लेकर पुलिस मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई। हालांकि घंटों के इंतजार के बाद राहुल कुछ नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच गए। बाद में प्रियंका व हिरासत में लिए गए अन्य कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने छोड़ दिया।
राहुल गांधी आज कांग्रेस सांसदों के साथ किसान आंदोलन के मुद्दे का हल निकालने की मांग के साथ राष्ट्रपति को दो करोड़ हस्ताक्षर किए गए मेमोरेंडम देने पहुंचे। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक महीने से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति भवन जाते समय प्रियंका गांधी और दूसरे वरिष्ठ नेता को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया और एक बस से उन्हें वापस भेज दिया गया। पुलिस ने उनका मार्च रोकते हुए कहा कि जिन नेताओं को अनुमति मिली हुई है, बस वही राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। रोके जाने के बाद प्रियंका गांधी सड़क पर ही बैठ गईं।
सरकार देशद्रोही कह रही है तो, सरकार पापी है: प्रियंका
इस पर प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना पाप है, अगर सरकार उन्हें देशद्रोही कह रही है तो सरकार पापी है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं और वो चुने गए सांसद हैं और उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है। सरकार उन लाखों किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। कभी-कभी वो लोग कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि हम विपक्ष की भूमिका भी ढंग से नहीं निभाते और कभी वो कहते हैं कि विपक्ष ने एकजुट होकर एक महीने से किसानों को एकजुट करके रखा है। पहले उन्हें निश्चय करना चाहिए कि हम क्या हैं?
इससे पहले प्रियंका गांधी ने दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी विरोध का आतंक के तत्वों में वर्गीकृत किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हम किसान के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।