आरयू वेब टीम। राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे और निर्दलीय रहेंगे। यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं सार्वजनिक जीवन में वह क्या भूमिका निभाना चाहते हैं के सवाल के जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अभी यह फैसला नहीं किया है कि वह अब सार्वजनिक जीवन में क्या भूमिका निभाना चाहते हैं। माना जा रहा है कि सिन्हा राष्ट्रीय मंच में वापसी कर सकते हैं। सिन्हा ने 2018 में राष्ट्रीय मंच बनाया था।
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तृणमूल में वापसी को लेकर यशवंत सिन्हा ने मीडिया से बात करता हुए कहा कि मैं निर्दलीय रहूंगा और किसी अन्य दल में शामिल नहीं होऊंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह तृणमूल के नेतृत्व के संपर्क में हैं तो सिन्हा ने नहीं में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी ने मुझसे बात नहीं की है और मैंने भी किसी से बात नहीं की है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वह निजी आधार पर एक टीएमसी नेता के संपर्क में हैं।
मार्च 2021 में टीएमसी में शामिल हुए थे यशवंत सिन्हा
पूर्व वित्त मंत्री ने सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका को लेकर कहा है कि मुझे यह देखना होगा कि सार्वजनिक जीवन में मैं क्या भूमिका निभाऊंगा और मैं कितना सक्रिय रहूंगा। अब मैं 84 साल का हूं, मेरे लिए यह समस्या है। मुझे देखना होगा कि मैं कितने लंबे समय तक काम कर सकता हूं। तृणमूल कांग्रेस से भले ही यशवंत सिन्हा की राहें अलग हो गई हों, लेकिन टीएमसी और ममता बनर्जी का आभार जताने से वह नहीं चूके।
मालूम हो कि भाजपा के धुर आलोचक सिन्हा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च 2021 में तृणमूल में शामिल हो गए थे। वह 2018 में भाजपा से अलग हो गए थे। वहीं यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है।