कृष्‍णा के परिजनों ने कहा, पार्क की CCTV फुटेज दिखाने और कार्रवाई की जगह LDA के अधिकारी कह रहे 20 हजार लेकर मामला करो खत्‍म

जनेश्‍वर की झील

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। दस दिन पहले जनेश्‍वर मिश्र पार्क की झील में डूबकर जान गंवाने वाले मासूम कृष्‍णा के परिजन इंसाफ के लिए अब लखनऊ विकास प्राधिकरण के चक्‍कर लगा रहें हैं। बुधवार को उप निदेशक उद्यान एसपी सिसोदिया से मिलने पहुंचे कृष्‍णा के चाचा प्रेम कुमार ने दोषियों पर कार्रवाई करने और पार्क की सीसीटीवी फुटेज दिखाने की जगह एसपी सिसोदिया पर 20 हजार रुपए लेकर मामला रफा-दफा करने का आरोप लगाया है। वहीं एसपी सिसोदिया ने इस आरोप को पूरी तरह से निराधार बताया है।

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प्रेम कुमार ने कहा कि आज से पहले वो शनिवार को भी एलडीए में उप निदेशक से मिले थे, तो उन्‍होंने 20 हजार रुपए के एवज में मामले को समाप्‍त करने को कहा था। जबकि सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग पर उन्‍होंने जनेश्‍वर पार्क भेजा। जहां गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे में दोपहर दो बजे सिक्‍योरिटी के दो गार्ड कृष्‍णा को बाइक से लेकर पार्क से बाहर निकलते दिख रहे हैं, लेकिन कृष्‍णा के पार्क के अंदर जाने का एलडीए के अधि‍कारी लाख कहने पर भी वीडियो नहीं दिखा रहे हैं। जिससे संदेह पैदा हो रहा है।

मां ने जताई हत्‍या की आशंका

वहीं कृष्‍णा की मां पुष्‍पा ने हत्‍या की आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है कि पार्क में इंट्री के समय कृष्‍णा के साथ कोई और व्‍यक्ति हो जिसने उसे पानी ढकेल दिया हो। बच्‍चे के पार्क में घुसने के वीडियो से ये बात साफ हो सकती है, इसके अलावा वो आखिरी बार कैमरे में ही सही अपने बेटे को जिंदा देख सकेगी।

हमदर्दी भरी बातें कर अधिकारियों ने कराया था प्रदर्शन समाप्‍त

प्रेम कुमार ने कहा कि घटना के अगले दिन उन लोगों ने कृष्‍णा का शव पार्क के गेट पर रखकर घटना के लिए दोषी लोगों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की थी। प्रदर्शन के दौरान एलडीए के अधिकारियों ने हमदर्दी दिखाने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजा दिलाने का वादा किया था। जिसके बाद वो लोग अधिकारियों पर भरोसा कर शव को लेकर वहां से चले गए थे, लेकिन अब नौ दिन बीत जाने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई तो दूर सही ढंग से मामले की जांच तक नहीं कराना चाहते हैं।

सचिव ने वीसी को सौंपी रिपोर्ट

वहीं एलडीए उपाध्‍यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि पहले इस मामले की जांच अधीक्षण अभियंता पीसी पाण्‍डेय से करायी जानी थी, हालांकि उनके नहीं होने के चलते उन्‍होंने एलडीए सचिव एमपी सिंह को जांच के लिए कहा था। जिसके संबंध में सचिव ने खुद मौके का निरीक्षण करने के साथ ही उन्‍हें पांच बिन्‍दुओं पर बनाकर एक रिपोर्ट भी सौंप दी है।

वीसी के अनुसार एलडीए इन बिन्‍दुओं पर करेगा काम

वीसी ने कहा कि सचिव की रिपोर्ट के अनुसार भविष्‍य में इस तरह की घटना न हो इसके लिए झील में अधिकतम चार फीट की ऊंचाईं तक पानी मेंटेन रखा जाए। साथ ही सावधानी के लिए सिक्‍योरिटी गार्ड भी वहां हमेशा तैनात हो।

गेट पर सिक्‍योरिटी गार्ड को निर्देश दिया जाए कि छोटे बच्‍चों के साथ किसी समझदार व्‍यक्ति के न होने पर उन्‍हें पार्क के अंदर न जाने दिया जाए।

झील के आसपास बच्‍चों के लिए चेतावनी बोर्ड लगाएं जाएं। जिससे कि बच्‍चे व उनके अभिभावक सावधान रहें।

झील के बाहर बचे हुए हिस्‍सों में भी बैरिकेडिंग हो, जिससे कि कोई पानी तक न पहुंच सके।

इसके अलावा जनता से भी अपील की जाएगी कि वो अपने छोटे बच्‍चों को सिर्फ बच्‍चों के साथ पार्क न भेजें। एलडीए वीसी ने कहा कि इन सारे बिन्‍दुओं पर काम किया जा रहा है।

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वहीं मासूम के परिजनों द्वारा उप निदेशक उद्यान पर लगे आरोप के जवाब में एलडीए उपाध्‍यक्ष ने कहा कि नियमों के अनुसार मुआवजा देने की एलडीए की कोई जिम्‍मेदारी नहीं है। मानवता के आधार पर परिजनों की सहायता की जा सकती है। रही बात फुटेज दिखाने की तो इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं है। इसके लिए वो खुद विद्युत यांत्रिक के अधिशासी अभियंता वीके शर्मा से कहेंगे कि वो परिजनों को फुटेज दिखा दें।