जानें गुरु को याद कर गिरिजा देवी के बारे में क्‍या बोली मालिनी अवस्‍थी

गिरिजा देवी
अवनीश अवस्थी के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करती मालिनी अवस्थी व साथ में अन्य ।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। ख्याति प्राप्त लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने आज गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी परिसर के संत गाडगे सभागार में गिरिजा देवी की स्मृति ‘‘प्रणामी’’ कार्यक्रम में बनारस घराने की अपनी गुरू स्व. गिरिजा देवी (अप्पा जी) को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रख्यात ठुमरी गायिका गिरिजा देवी ने शास्त्रीय गायन के विभिन्न प्रकारों के संगीत के क्षेत्र में न सिर्फ अहम भूमिका निभाई, बल्कि उन्होंने ठुमरी, दादरा, कजरी और विभिन्न गायिकी के प्रकारों को नए आयामों तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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मालिनी अवस्थी ने गिरजा देवी के व्‍यक्तिव पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि प्रतिभा और व्यक्तित्व के संपूर्णता, श्रेष्ठता, और मोहकता के सारे विशेषण और प्रतिमानव को मिला दिया जाए तब नाम बनता है गिरजा देवी का जो कलाकार ही नहीं व्यक्तित्व की विभूति हैं।

उन्होंने कहा कि गुरू शिष्य के भविष्य का निर्माता होता है, जो अपने शिष्य को उन्नति के शिखर पर आगे ले जाता है। गिरिजा देवी की स्मृति में आयोजित प्रणामी कार्यक्रम में मालिनी अवस्‍थी ने ठुमरी, दादरा, चैती में ढले फाल्गुनी के रंग बिखेरें और गिरजा देवी को विनम्र शिष्या के रूप में अपनी स्वर अर्चना प्रस्तुत करते हुए फागुन के भावभीने गीत की प्रस्तुती भी की।

गिरिजा देवी
सभागार में लोगों के सामने कार्यक्रम प्रस्तुत करती मालिनी अवस्थी ।

इससे पहले प्रमुख सचिव सूचना, अवनीश कुमार अवस्थी के साथ मालिनी अवस्थी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में संस्कार भारती के संस्थापक पद्मश्री बाबा योगेंद्र, साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा, साहित्यकार विद्या देवी के अलावा अन्‍य लोग भी मौजूद रहें।

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