आरयू वेब टीम।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई कोर्ट ने आज चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में साढ़ें तीन साल की सजा और दस लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
साथ ही अदालत ने बाकी दोषियों फूलचंद, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुधीर कुमार और राजा राम को भी साढ़े तीन साल की सज़ा और पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया। अब लालू यादव की तरफ से जमानत के लिए सोमवार को फैसले की कॉपी लेकर हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।
बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले में शुक्रवार को लालू, आरके राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 लोगों की सजा के बिन्दु पर बहस पूरी हो गयी थी। विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक मामले में लालू समेत 16 आरोपितों को दोषी ठहराया था। वहीं लालू ने शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत से सजा सुनाए जाने को लेकर नरमी बरतने का आग्रह किया था।
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लालू प्रसाद के वकील चितरंजन कुमार ने कहा कि हम लालू प्रसाद के लिए न्यूनतम सजा की मांग कर रहे हैं। हमने लालू प्रसाद के खराब स्वास्थ्य के कारण अदालत से नरमी बरतने का आग्रह किया हैहैं। उनके ‘हर्ट वाल्व’ को बदला गया है। वह कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें कई दवाईयां दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमने अदालत से कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ कोई भी सीधा सबूत नहीं है। इस मामले में वह एक वर्ष तक जेल में रह चुके हैं। वह 20 वर्षों से इस मामले का सामना कर रहे हैं और उन्होंने कभी भी अदालत की अवज्ञा नहीं की।”
वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपित थे, जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था।
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