आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की कमान संभालने के बाद डीएम अभिषेक प्रकाश एलडीए के भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस रहें हैं। जिसके चलते सालों से हो रहे भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों का जहां खुलासा हो रहा है, वहीं अब सामने आ रहे इन मुद्दों को लेकर विपक्ष ने भी योगी सरकार पर हमले करने शुरू कर दिए हैं।
मंगलवार को लखनऊ महानगर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने सीएम योगी को पत्र लिखते हुए रिकॉर्ड को स्कैनिंग करने वाली राईटर कंपनी व एलडीए के बीच से गायब हुई 20 हजार फाइलों के मुद्दे के साथ ही एलडीए के कम्प्यूटर सेल के प्रभारी एसबी भटनागर की आईडी से छेड़छाड़ कर 50 संपत्तियों के आवंटियों के नामों में बदलाव का मुद्दा उठाते हुए सीएम योगी पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने आज पत्र लिखते हुए मुख्यमंत्री से कहा है एक तरफ आप भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आपका महकमा ही आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा है। बेहतर हो कि आप अपने आवास विभाग के तहत आने वाले एलडीए की कारगुजारियों और उसमें जनता के उत्पीड़न और शोषण पर लगाम लगाएं। एलडीए में आपके अधिकारी आपकी नाक के नीचे इतने बड़े घोटाले कर रहे हैं, तो बाकी विकास प्राधिकरणों में किस स्तर पर भ्रष्टाचार और आम आदमी का उत्पीड़न हो रहा होगा, यह समझा जा सकता है।
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मुकेश चौहान ने अपने पत्र में सीएम योगी से आगे कहा है कि मैं आपका ध्यान एलडीए में पिछले एक महीने में सामने आए भ्रष्टाचारों की तरफ दिला रहा हूं, ताकि आप आम आदमी के दर्द को महसूस कर सकें। एलडीए से आम आवंटियों की 20 हजार फाइलें गायब हैं। यह फाइलें उन आवंटियों की हैं जिन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई से आशियाना खरीदा था। चिंताजनक बात यह है कि आपके अफसरों को यह भी नहीं पता कि किस योजना में कितनी फाइलें गायब हैं। चार साल से आपके अफसर गायब हुई इन फाइलों की जानकारी छिपाए बैठे थे। यही नहीं जिस कंपनी को यह फाइलें स्कैन करने के नाम पर भेजी गई थीं उसने दावा कर दिया है कि एलडीए ने यह फाइलें उसे कभी दी ही नहीं।
साथ ही अपने पत्र में कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि एलडीए ने चाक-चौबंद इंतजाम का दावा करते हुए आइएसओ सर्टीफिकेट लिया था, लेकिन एलडीए की वेबसाइट और कंप्यूटर सेल के इंचार्ज की आइडी और पासवर्ड से आवंटन के रेकॉर्ड में फर्जीवाड़ा हो गया। कई आवंटन से जुड़े रेकॉर्ड बदल कर किसी दूसरे के नाम आवंटित दिखा दिए गए। इस घटना से शहर के हजारों आवंटियों में दहशत है कि कहीं उनके आवंटन का रेकॉर्ड भी न बदल दिया गया हो, आवंटी एलडीए पहुंच रहे हैं तो पता चल रहा है कि फाइल मिल ही नहीं रही है।
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मुकेश चौहान ने अपने पत्र में हाल ही में डीएम व प्रभारी एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश के एलडीए के औचक निरीक्षण में सामने आयी गड़बड़ियों का जिक्र करते हुए कहा है कि एक तरफ आवंटियों की फाइलें गायब हैं, कंप्यूटर रेकॉर्ड में छेड़छाड़ हो रही है और दूसरी तरफ एलडीए में भू-माफिया, दलाल और ठेकेदारों के हवाले गोपनीय फाइलें कर दी गई हैं। जिन भू-माफियाओं के खिलाफ आप अभियान चलाने का दावा करते हैं वो आपके अधिकारियों के कमरों में बैठकर टीवी देखते हुए अपनी पसंद की फाइलों में टेंपरिंग तक कर रहे हैं।
अंत में मुकेश चौहान ने सीएम योगी से उम्मीद जताते हुए कहा है कि, विश्वास है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आपके द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि आज से ठीक एक महीना पहले 23 अक्टूबर को लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने एलडीए उपाध्यक्ष का भी कार्यभार संभाला था। अभिषेक प्रकाश ने चार्ज संभालते ही भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। एक महीनें के ही कार्यकाल में अभिषेक प्रकाश कई कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने व कईयों को निलंबित करने के साथ ही अपने ही विभाग पर छापा मारकर गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा कर चुके हैं। डीएम के सख्त रुख को देखते हुए भ्रष्टाचार व गड़बड़ी के मामले खुद-ब-खुद भी सामने आ रहें हैं।
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इसके अलावा स्कैनिंग करने वाली जिस प्राइवेट कंपनी राईटर को करीब चार साल से अपनी बेशकीमती फाइलें देकर कान में तेल डालकर एलडीए में पूर्व में तैनात अफसर बैठ रहें, उसका मामला सामने आने के बाद ही अभिषेक प्रकाश ने राईटर पर भी मुकदमा दर्ज कराते हुए फाइलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
फाइलों के बारे में यहां यह भी बताते चलें कि करीब ढाई साल पहले ही “राजधानी अपडेट डॉट कॉम” ने खुलासा किया था कि फाइलें ले जाने के बिना किसी एग्रीमेंट के ही कंपनी को फाइलें एलडीए के तत्कालीन अफसरों ने दे दी थी। अनुबंध के मुताबिक फरवरी 2017 से जून 2017 के दौरान मात्र चार महीनों में ही फाइलों को एलडीए में स्कैन करना था, हालांकि इस दौरान सरकार बदल गयी और जून की तय समय सीमा बीतने के बाद भी एलडीए में सालों साल तैनात रहें एलडीए के उपाध्यक्ष व सचिव फाइलों को कंपनी से वापस लेने में नाकामयाब रहें।