आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एलडीए के प्रवर्तन अनुभाग का अधिकारी बन अवैध निर्माण कराने के नाम पर 50 हजार रुपये वसूलने के आरोप में सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है। एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने अवैध निर्माण से जुड़े वसूली का एक मामला सामने आने के बाद विभाग की बदनामी कराने वाले सुपरवाइजर लाल बचन यादव के निलंबन का आदेश गुरुवार शाम जारी किया। साथ ही वीसी ने इस मामले में उपसचिव माधवेश कुमार को जांच आधिकारी नामित किया है। उपसचिव जांच कर उपाध्यक्ष को रिपोर्ट देंगे। दूसरी ओर अवैध निर्माण से जुड़े मामले में महिला से रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज करते हुए आलमबाग पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें- LDA VC की बड़ी कार्रवाई, दस इंजीनियरों की कर दी प्रवर्तन से छुट्टी, बाकी को अब बताना होगा कैसे लगा रहें अवैध निर्माण पर लगाम
इंस्पेक्टर आलमबाग धनंजय सिंह ने बताया कि प्रेमवती नगर निवासी ममता राजपूत हाल के दिनों में कमरे का निर्माण करा रहीं हैं। बीती चार जून को आरोपित लाल बचन यादव उनके यहां गया था। लाल बचन ने निर्माण को अवैध व खुद को एलडीए का अधिकारी बताते हुए महिला के सामने ढाई लाख रुपए की मांग की। महिला के विरोध जताने पर वह निर्माण सील करने की धमकी देने लगा, इसपर भी ममता राजपूत ने ऐतराज जताया तो लाल बचन मिठाई खाने के नाम पर 50 हजार रुपए की मांग करने लगा। एलडीए के कथित अधिकारी की हरकतों से शक होने पर ममता राजपूत ने पड़ोसियों को जुटाना शुरू किया तो लाल बचना खुद को फंसता देख मौके से भाग निकला।
यह भी पढ़ें- गली में तन गया सात मंजिला अवैध अपार्टमेंट, फ्लैट भी बिके, तब आई LDA को सीलिंग की याद, “जनता पर गर्म, अपनों पर करम वाली कार्रवाई से उठे सवाल
इंस्पेक्टर आलमबाग के मुताबिक महिला की तहरीर पर लाल बचन के खिलाफ रंगदारी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए इसकी लिखित जानकारी एलडीए को दी गयी थी। एलडीए द्वारा लाल बचन को अपने कर्मी स्वीकार करने पर पुलिस मामले की आगे जांच कर रही।
यह भी पढ़ें- किरकिरी के बीच LDA सचिव का जोनल अफसर-इंजीनियरों को निर्देश ईमानदारी से करें काम, हफ्ते भर में एप पर अपलोड हो अवैध निर्माणों की फोटो
वहीं एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद एलडीए ने अपने स्तर से भी जांच कराई थी। जिसमें प्रथम दृष्टतया लाल बचन दोषी पाया गया है। आरोपित को निलंबित करते हुए मामले की गहनता से जांच की जिम्मेदारी उपसचिव माधवेश कुमार को दी गयी है। उपसचिव की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें- एलडीए के प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री करा बेचने वाला चढ़ा गोमतीनगर पुलिस के हत्थे, नौ महीने बाद भी मास्टरमाइंड बाबू समेत सात आरोपित चल रहें फरार
प्रवर्तन से हटाने के बाद भी किसकी शह पर सुपरवाइजर कर रहा था वसूली!
एलडीए के प्रवर्तन अनुभाग से अवैध निर्माण व वसूली के चोली-दामन के साथ वाली बात तो काफी लोग जानते हैं, लेकिन लाल बचन वाले मामले में प्रवर्तन अनुभाग के अफसरों की भूमिका एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गयी है। दरअसल शिकायतें मिलने पर लाल बचन को कई महीना पहले ही प्रवर्तन जोन तीन से हटाकर अभियंत्रण जोन तीन में कर दिया गया था, यहां वह पारा व सिंडर्स डंप योजना क्षेत्र में काम देख रहा था, लेकिन पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि लाल बचन एलडीए के अधिकारियों के आदेश को ठेंगे पर रख प्रवर्तन जोन तीन में ही अपनी तैनाती बताते हुए भवन निर्माण करने वालों को परेशान कर वसूली में लगा था। पुलिस की जांच के बाद प्रवर्तन जोन तीन के अफसर-इंजीनियरों पर सवाल उठ रहें हैं, कि क्षेत्र में अवैध निर्माण को नियंत्रित करने वालों को महीनों बाद भी कैसे इस बात की भनक नहीं लगी कि हटाए जाने के बाद चतुर्थ श्रेणी का एक कर्मी एलडीए की छवि को दांव पर लगाते हुए वसूली कर रहा है।