लॉकडाउन के कारण UP में फंसे मजदूरों को उनकी राज्य सरकार बुलाना चाहे, तो हर संभव मदद के लिए हैं तैयार: CM योगी

टोटल लॉकडाउन

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के प्रदेश में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी। साथ ही कहा कि रमजान का महीना प्रारम्‍भ हो रहा है। इस अवधि में विशेष सावधानी बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सहरी और इफ्तार के समय किसी भी प्रकार से भीड़ एकत्र न होने पाए। सीएम ने कहा है कि लॉकडाउन का मतलब टोटल लॉकडाउन है। इसलिए लॉकडाउन का सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए।

योगी ने आगे कहा कि कोटा से प्रदेश वापस लौटे बच्चों को घरों में पृथक रखे जाने का पालन करने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन ‘1076’ के माध्यम से अवगत कराया जाए। उन्होंने बताया कि वह स्वयं कोटा से प्रदेश वापस आए बच्चों से बात कर उनका हालचाल लेंगे। उन्होंने सचिवालय कर्मियों को एक-एक छोटा सैनिटाइजर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।

लॉकडाउन का मतलब है पूर्ण लॉकडाउन

योगी ने कहा कि लॉकडाउन का मतलब पूर्ण लॉकडाउन है इसलिए इसका सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए।’’ उन्होंने समस्त गतिविधियों में हर हाल में सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि लॉकडाउन अवधि में आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।

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योगी ने कहा कि प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर एक टेस्टिंग प्रयोगशाला स्थापित की जाए, जिससे अधिक संख्या में टेस्टिंग संभव हो सके। उन्होंने कहा कि अलीगढ़, सहारनपुर तथा मुरादाबाद संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील हैं इसलिए इनके मण्डलीय चिकित्सालय में टेस्टिंग प्रयोगशाला स्थापित की जाए।

योगी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्‍त जिलों में भी पूरी सतर्कता एवं सभी सावधानियां बरतना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में सुरक्षा चक्र टूटने न पाये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा शासन के नियमों का पालन करते हुए उन जिलों में औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए जो कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री के आवागमन की अनुमति दी जाए। इसके तहत भट्ठों से ईंट तथा बालू, मोरंग तथा सरिया लाने की अनुमति दी जाये।

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