बिना तैयारी लॉकडाउन की आलोचनाओं से बचने के लिए मुस्लिम को बलि का बकरा बनाना कोरोना की दवा नहीं: ओवैसी

बली का बकरा

आरयू वेब टीम। एक तरफ जहां देश कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इस खतरे के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जमातियों को बताया जा रहा है। ऐसे में देशभर में कुछ न कुछ अफवाहें भी फैल रही हैं, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग विरोध भी जता रहे हैं। जिसपर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए हमला बोला है। साथ ही ओवैसी ने आरोप लगाते हुए का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस की आलोचना से बचने के लिए ऐसा प्रयास किया जा रहा है।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि “बिना योजना बनाए लागू किए गए लॉकडाउन और कोविड-19 से नौसिखियों की तरह निपटने की कोशिशों की आलोचना से बचने का मिलाजुला प्रयास किया जा रहा है… भाजपा के प्रचारकों को मालूम होना चाहिए कि वे व्हॉट्सऐप फॉरवर्ड के जरिये कोरोना वायरस को नहीं हरा सकते… मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना कोरोना वायरस की दवा नहीं है, न ही यह पर्याप्त टेस्टिंग का विकल्प हो सकता है…”

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गौरतलब है कि दिल्ली के शास्त्री नगर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वहां के स्थानीय निवासी किसी भी मुसलमान के कॉलोनी में रोक लगाने की बात कर रहे हैं। इस वीडियो पर असदुद्दीन ओवैसी  ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि ‘शास्त्री नगर के बी ब्लॉक के निवासी मुसलमानों को बाहर निकाल रहे हैं क्योंकि वो ‘मोहम्मडंस’ से परे नहीं सोच सकते। क्या ऐसा महसूस होता है कि हम एक वैश्विक महामारी के बीच में हैं या सिर्फ ये एक और दिन है, जहां कोई बिना किसी कारण के मुसलमानों को धमका सकता है और इससे दूर हो सकता है?’

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