आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लखनऊ यूनिवर्सिटी में बुधवार को भारी बवाल हो गया। प्रवेश में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान छात्रों ने अपने बाहरी साथियों के साथ मिलकर न सिर्फ शिक्षकों को दौड़ाकर पीटा, बल्कि कुलपति और चीफ प्रॉक्टर से भी बदसलूकी की गयी। बवाल के बाद विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
दोपहर में घंटों चले बवाल के दौरान उपद्रव कर रहे छात्रों ने पथराव भी किया जिसमे भी कई शिक्षकों को चोंटें आयीं हैं। वहीं कुलपति समेत कई लोगों की कार क्षतिग्रस्त हो गयी है। बवाल की फुटेज यूनिवर्सिटी परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गयी है।
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वहीं चीफ प्रॉक्टर की तहरीर पर हसनगंज पुलिस चार नामजद समेत 20 अज्ञात के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है। दूसरी ओर बवाल के बाद पुलिस ने प्रवेश को लेकर कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी पूजा शुक्ला को भी कैंपस से जबरदस्ती हटा दिया।
बवाल बढ़ने से पहले पुलिस छात्र नेता अंकित सिंह बाबू समेत एक अन्य छात्र को पकड़कर हसनगंज कोतवाली ले गयी, हालांकि रात में इंस्पेक्टर ने बताया कि उक्त दोनों छात्रों का नाम मुकदमें नहीं शामिल किया गया है।
कुलपति एसपी सिंह ने बताया कि बवाल करने वाले खुद को समाजवादी युवजन सभा का सदस्य बता रहे थे। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है, लेकिन उसमें किसी छात्र की पहचान नहीं हो सकी है। जबकि चार की शिनाख्त आकाश लाला, विनय यादव, हिमांशु और आशीष मिश्रा के रूप में हुई है, जबकि उनके साथ 20 से 25 लोग और थे जो विश्वविद्यालय में अराजकता फैलाना चाहते थे। सभी के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गयी है।
तीन दिन से जता रहे थे आशंका, पुलिस-प्रशासन ने बरती लापरवाही
पीजी की काउंसिलिंग के पहले ही दिन हुए बवाल को लेकर कुलपति ने प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया है। कुलपति का कहना था कि तीन दिन से इस तरह की घटना को लेकर आशंका जतायी जा रही थी, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती गयी। घटना के समय भी पुलिस गायब रही। पुलिस अगर मुस्तैदी दिखाती तो एक दर्जन से अधिक शिक्षकों को घायल होने से बचाया जा सकता था।
दूसरी ओर समाजवादी छात्रसभा के छात्रों का कहना था कि योगी सरकार के इशारे पर विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही के बल पर उन लोगों की आवाज दबाना चाहता है। यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है। जिसके खिलाफ बोलने नहीं दिया जा रहा है। जो सरासर गलत है।
वहीं बवाल होने से पहले आज सुबह पूजा शुक्ला समेत अन्य छात्रों के प्रदर्शन में लखनऊ यूनिवर्सिटी के कैंपस पहुंची सपा की प्रदेश प्रवक्ता जूही सिंह व अन्य नेताओं ने छात्रों को अपना समर्थन दिया। जबकि इसके समर्थन में डॉ. कफील खान भी कैंपस पहुंचकर प्रदर्शन में शामिल हुए।
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