मन की बात में बोले मोदी, अन्य देशों की तुलना में भारत में तेजी से नहीं फैला कोरोना, मृत्यु दर भी काफी कम

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(फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। कोरोना को लेकर लॉकडाउन पांच की गाइडलाइन जारी करने के बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मौजूदा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली मन की बात के समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी। इस बार काफी कुछ खुल चुका है। ”तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।

साथ ही कहा कि ”देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज्‍यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। ”कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है, जो नुकसान हुआ है, उसका दु:ख हम सबको है, लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है।

मोदी ने कहा कि ”हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती है”, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है। एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है। जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है। ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमारे रेलवे के साथ दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो- हर कोई दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं।’

पीएम ने कहा कि जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है। आज हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, देश के पूर्वीं हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है। कहीं श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम हो रहा है, कहीं  स्‍टाअप इस काम में जुटे हैं, कहीं माइग्रेशन कमीशन बनाने की बात हो रही है। साथ ही केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं। बहुत से लोगों ने ये बताया है कि उन्होंने, जो-जो समान उनके इलाके में मिलते हैं, उनकी पूरी लिस्ट बना ली है। ये लोग अब लोकल प्रोडक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और वोकल फॉर लोकल को प्रमोट कर रहे हैं।

ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से सीख रहे योग

उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के इस दौर में, मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, इन दिनों, उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के संबंध में होती है। हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाहा है, उसे अपनाना चाहा है। कितने ही लोग, जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वो भी या तो ऑनलाइन योग क्लास से जुड़ रहे हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं। कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस, हमारे श्वसन प्रणाली को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो श्वसन प्रणाली  को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं।

माई लाइफ माई योगा’ नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग प्रतियोगिता शुरू

प्रधानमंत्री ने बताया कि जीवन में योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने भी इस बार एक अनोखा प्रयोग किया है. आयुष मंत्रालय ने माई लाइफ माई योगा’ नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग उसकी प्रतियोगिता शुरू की है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको अपना तीन मिनट का एक वीडियो बना करके अपलोड करना होगा। इस वीडियो में आप, जो योग, या आसन करते हों, वो करते हुए दिखाना है और योग से आपके जीवन में जो बदलाव आया है, उसके वारे में भी बताना है।

‘आयुष्मान भारत’ के लाभार्थियों की संख्या हो गई एक करोड़ के पार 

इस दौरान मोदी ने कहा कि कुछ ही दिन पहले ‘आयुष्मान भारत’ के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है। ”’आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों के पैसे खर्च होने से बचाए हैं। मैं आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ-साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों-नर्सों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देता हूं। आयुष्मान भारत योजना के साथ एक बड़ी विशेषता पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी है। पोर्टेबिलिटी ने, देश को, एकता के रंग में रंगने में भी मदद की है,यानी बिहार का कोई गरीब अगर चाहे तो, उसे कर्नाटक में भी वही सुविधा मिलेगी, जो उसे अपने राज्य में मिलती।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में लोगों को ढील जरूर दे दी गई है, लेकिन अभी भी सतर्कता की जरूरत है, कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है, दो गज की दूरी और मास्क जैसे नियमों का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

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