आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नियमों को दरकिनार कर सड़क हादसों को बढ़ावा देने व हड्डियों की सेहत के लिए घातक स्पीड ब्रेकरों को अब राजधानी लखनऊ की सड़कों से हटवाया जाएगा। अगर आप भी अपने आसपास बनें इन अवैध स्पीड ब्रेकर से परेशान हैं तो इसकी शिकायत मानवाधिकार कार्यालय (टीसी/34 वी-1, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ, पिन-226010) या फिर उसके मेल पर करें। आयोग जनता के लिए हानिकारक स्पीड ब्रेकरों को हट वाएगा।
मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए मानवाधिकार आयोग के सचिव जीएल मीना ने बताया कि जनमानस के मानवाधिकारों के दृष्टिगत आयोग की दो सदस्यीय खण्डपीठ ने लखनऊ शहर के विभिन्न चौड़े-सकरे मार्गों, अन्य कुछ स्थान, मकान व प्रतिष्ठानों के सामने अनाधिकृत, अनियमित एवं मानक के विरुद्ध अवैध रूप से बने स्पीड ब्रेकरों को हटाने का निर्देश शासन को दिया था।
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उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन द्वारा आयोग को एक आख्या पिछले महीने 21 जुलाई को उपलब्ध करायी गयी, जिसमें नगर निगम के स्वामित्व वाले अति संवेदनशील मार्गों, जिसमें स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक स्थलों एवं यातायात की दृष्टि से यथा आवश्यक स्थानों को छोड़कर अन्य स्थानों पर अनाधिकृत व मानक विरुद्ध बने स्पीड ब्रेकरों को मुहिम चलाकर हटवा दिया गया है, से अवगत कराया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) की ब्रेकर निर्माण को लेकर गाइड लाइन है। इसमें यह ध्यान दिया गया है कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई का स्लोप इस तरह बनाया जाए, जिससे वाहन की स्पीड तो कम करनी पड़े, लेकिन चालकों को हिचकोले या झटके नहीं लगें।