मंदिर परिसर में महिला की हत्‍या के बाद बेती गांव पहुंचे सांसद संजय सिंह ने कहा, योगीराज में आस्था के केंद्र भी सुरक्षित नहीं

आस्था के केंद्र
महिला के परिजन को दिलासा देते संजय सिंह।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बंथरा के बेती गांव स्थित मंदिर परिसर में महिला की हत्‍या के बाद सोमवार को आप सांसद बेती गांव पहुंचे थे। यहां उन्‍होंने मंदिर के पुजारी व महिला के अन्‍य परिजनों को ढांढस बंधाने के साथ ही योगी सरकार पर भी हमला बोला है।

संजय सिंह ने कानून-व्‍यवस्‍था के मुद्दे को लेकर कहा है कि योगी राज में अब तो आस्‍था के केंद्र भी सुरक्षित नहीं है। संजय सिंह ने कहा है कि बेती गांव स्थित गोपेश्‍वर मंदिर पौराणिक शिव मंदिर है। इतना ही नहीं केंद्र में गृह मंत्री रहे वर्तमान में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस गांव को गोद लिया था। सांसद आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

आप सांसद ने हमला जारी रखते हुए कहा कि पूर्व गृह मंत्री के गोद लिए इस गांव स्थित पौराणिक शिव मंदिर में कुछ ही समय में लगातार चोरी की घटनाएं हुई। कभी चोर मंदिर से गेहूं उठा ले गए तो कभी सरसों। हद तो यह हो गई कि योगी सरकार की पुलिस की लापरवाही के चलते बदमाशों ने धावा बोल मंदिर के पुजारी दीप नारायण की पत्‍नी दीपिका त्रिवेदी की जघन्य हत्या कर दी। बेखौफ बदमाशों ने पौराणिक मंदिर और पास स्थित यज्ञशाला को भी अपना निशाना बनाया। कीमती चांदी का छत्र और मंदिर व यज्ञशाला से दानपात्र तोड़ नगदी लूट ले गए। किसी भी हाल में इसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

साथ ही संजय सिंह ने पत्रकारों से कहा है कि मेरी योगी सरकार से मांग है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए और वारदात में शामिल अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हो। साथ ही पीड़ित परिवार को सरकार 50 लाख रुपये का मुवावजा दे।

प्रदेश में ब्राह्मणों के हत्या की आ गई बाढ़

वहीं कानून-व्‍यवस्‍था के मुद्दे को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए आज संजय सिंह ने यह भी कहा कि लगता है प्रदेश में ब्राह्मणों के हत्या की बाढ़ आ गई है। आये दिन, लूट, हत्या व बलात्कार एक आम घटना हो गई है। रोज अखबार की सुर्खियां इसी तरह की घटनाओं से भरी रहती हैं। सरकार के ही डीएम एसपी रंगदारी वसूल रहे हैं और रंगदारी न देने पर हत्या कर दी जाती है। महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या इसका जीता जागता उदाहरण है। सरकार की कानून व्यवस्था का आलम यह है कि मरने के पहले वीडियो बनाकर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी सीएम योगी से जान माल की सुरक्षा की गुहार करता है। कहता है कि उसकी हत्या करा दी जाएगी, लेकिन सरकार तक जागती है जब उसकी हत्या हो जाती है। हद तो यह है कि मीडिया में वायरल एसआईटी रिपोर्ट इस जघन्य वारदात को आत्महत्या साबित करने में जुटी है।

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उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार में दीपिका त्रिवेदी की हत्या कोई इकलौता मामला नहीं है। औरैया जनपद में कैलाश नारायण दीक्षित की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार और प्रदेश के हालात  बताने और उठाने पर उनको मुकदमे से नवाज दिया जाता है, लेकिन पूरे प्रदेश में यह हो क्या रहा है? निवेंद्र मिश्रा से लेकर प्रभात मिश्र तक, विक्रम जोशी से लेकर कैलाश नारायण दीक्षित तक, पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों के साथ हत्या की घटनाएं जैसे पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या की बाढ़ सी आ गई है। राज किशोर पांडेय की हत्या हो या प्रतापगढ़ में दो लोगों को कुल्हाड़ी से काट दिया गया हो। यह थमेगा कब? कब जागेगी योगी सरकार? स्थिति बर्दाश्त के बाहर हो गई है।

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