योगी सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को दी फीस बढ़ाने की अनुमति, तो बोले मनीष सिसोदिया, देश को अशिक्षित रखना चाहती है भाजपा

मनीष सिसोदिया
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी विद्यालयों को शुल्क बढ़ाने की अनुमति देने पर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलने के साथ ही योगी सरकार की रविवार को निंदा की। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘देश को अशिक्षित’’ रखना चाहती है। सिसोदिया ने कहा कि भाजपा को अभिभावकों की स्थिति को समझना चाहिए।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पंजाब में 16 मार्च को आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निजी विद्यालयों को शुल्क नहीं बढ़ाने का आदेश जारी किया।’’ सिसोदिया ने कहा, ‘‘एक ओर, 25 मार्च को उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और उसने आदेश पारित किया कि निजी विद्यालयों को शुल्क बढ़ाने और माता-पिता को लूटने की पूरी आजादी है।’’

भाजपा पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कई लोगों की आजीविका समाप्त हो गई और ऐसे में शुल्क बढ़ाने से उन्हें परेशानी होगी। ‘‘वे सरकारी स्कूल में सुधार के लिए काम नहीं कर सकते। आम आदमी कहां जाएगा? कोविड के दौरान लोगों का रोजगार चला गया। आप सरकारी विद्यालयों की हालत सुधारने के लिए काम नहीं करेंगे और आप निजी विद्यालयों को शुल्क बढ़ाने की अनुमति देंगे। आप देश को अशिक्षित रखना चाहते हैं। यह भाजपा के शासन का मॉडल है। कृपया अभिभावकों के बारे में भी सोचिए’’।

यह भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों को राहत व अभिभावकों को झटका, योगी सरकार ने दी फीस बढ़ाने की मंजूरी

सिसोदिया ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने शुल्क बढ़ोतरी से निजी विद्यालयों को रोकने के लिए क्या काम किया है। ‘‘पहले दिल्ली में निजी विद्यालय शुल्क में मनमानी बढ़ोतरी कर सकते थे, लेकिन हमने 2015 में इस पर रोक लगा दी।

पिछले सात साल में, हमने निजी विद्यालयों को शुल्क बढ़ाने से रोका है और इसके बाद हमने एक ऐसी प्रणाली लागू की कि यदि वे शुल्क में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होगी। सरकार ने यह पता लगाने के लिए उनके खातों का विश्लेषण किया कि उन्हें शुल्क बढ़ोतरी की वास्तव में आवश्यकता है या नहीं।

यह भी पढ़ें- स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर हाई कोर्ट सख्त, यूपी सरकार समेत सभी बोर्ड को नोटिस जारी कर पांच दिन में मांगा जवाब