आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार द्वार उत्तर प्रदेश के गैर सरकारी मदरसों का सर्वे कराने के फैसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सवाल उठाया है। साथ ही कांग्रेस पर भी मदरसों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा है कि यूपी के साढ़े सात हजार गैर सरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं है तो फिर इनमें दखल क्यों दिया जा रहा है।
यूपी की पूर्व सीएम ने आज मदरसों को लेकर लगातार चार ट्विट किए है। जिनमें मायावती ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित कर लोगों के चंदों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैर सरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
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साथ ही मायावती ने कहा कि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है, तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी? बीएसपी सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।
अपने तीसरे ट्विट में मायावती ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कांग्रेस सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के नाम पर वहां के छात्रों को उनकी पसंद की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय उन्हें ड्राइविंग, मैकेनिक, कारपेंटर आदि की ट्रेनिंग के जरिए छात्रों की तालीम व उन मदरसों का भी अपमान किया और अब आगे देखिए बीजेपी सरकार में उनका क्या होता है?
सभी राज्यों में शिक्षा व्यवस्था के हालात बदतर
बसपा सुप्रीमो ने अंत में वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी व देश के अन्य सभी राज्यों में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ पूरी शिक्षा व्यवस्था के हालात जो लगातार बदतर होते चले जा रहे हैं वह किसी से भी छिपा नहीं है, फिर भी सरकारें लापरवाह व उदासीन क्या इसलिए हैं कि वहां ज्यादातर गरीब व कमजोर वर्गों के बच्चे ही पढ़ते हैं?