आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संत कबीरनगर के मगहर में किए गए शिलान्यास को बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला कदम बताया है। यूपी की पूर्व सीएम ने इसे वोट बैंक की स्वार्थी राजनीत बताते हुए कहा है कि लोकसभा का आमचुनाव करीब आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को संत कबीरर याद आ रहें हैं।
मायावती ने प्रधानमंत्री के मगहर में आयोजित कार्यक्रम के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी स्वार्थ में संत कबीर अकादमी का शिलान्यास किए जाने की आड़ में पूर्वांचल की गरीब व मेहनतकश जनता के साथ छलावा व उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि आज कबीर की बात करने वाले बताएं कि पूर्वांचल क्षेत्र में विकास की प्यासी करोड़ों गरीब जनता से किए गए बड़े-बड़े लोक-लुभावन वायदों व उनके ’अच्छे दिन’ लाने के उन हसीन सपनों का क्या हुआ जो खासकर नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले चुनाव के समय किए गए थे।
वहीं मायावती ने एक और सवाल दागते हुए कहा कि बीएसपी सरकार ने संत कबीरनगर के नाम से जिला बनाया और पूर्वांचल के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अलग से पूर्वांचल राज्य बनाने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा जो अभी तक लंबित पड़ा है। मोदी सरकार उस पर ठोस कार्यवाही क्यों नहीं करती है?
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इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमो ने मोदी सरकार पर एक और आरोप लगाते हुए कहा कि 24 करोड़ रुपये की संत कबीर अकादमी के मात्र शिलान्यास के प्रचार-प्रसार व इस कार्यक्रम की तैयारी पर लगभग उतनी ही रकम बीजेपी सरकार द्वारा खर्च कर दी गई है जो ’काम कम और बातें अधिक’ का एक जनविरोधी नमूना है।