आरयू वेब टीम।
मीटू कैंपेन के तहत पिछले दिनों में यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आने पर मामलों पर कार्रवाई करने के लिए मोदी सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) का गठन किया है। इस समिति की अगुवाई गृहमंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। कमेटी का काम कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों पर कार्रवाई के लिए कानून और संस्थानों को मजबूत करने के लिए नए दिशा-निर्देश तय करना होगा।
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इस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में राजनाथ सिंह के अलावा निर्मला सीतारमण, मेनका गांधी और नितिन गडकरी रहेंगे। ये ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स तीन महीने के अंदर ये बताएगा कि आखिर किस तरह महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों में कमी लाई जाए। साथ ही प्रकाश में आए मामलों में किस तरह सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके।
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सरकार के द्वारा जानकारी दी गई है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कम्प्लेंट बॉक्स का गठन किया गया है, जिसमें महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं। एक बार जब शिकायत इस शी बॉक्स में चली जाएगी, तब सीधे तौर पर ये शिकायत अथॉरिटी के पास जाएगी।
यहां बताते चलें कि सोशल मीडिया के मीटू कैंपेन के तहत महिलाओं के खिलाफ कार्यस्थलों पर यौन शोषण के कई मामले सामने आए हैं। इसके कारण देश की राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री में हंगामा मचा है, जिसमें केंद्रीय सरकार में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर इस अभियान के तहत कई आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।