आरयू वेब टीम। कांग्रेस की ओर से सोमवार को दाखिल की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हामी भरी है। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
सुष्मिता देव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और चुनाव आयोग उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। सिंघवी ने कहा कि देश में आदर्श आचार संहिता लागू हुए चार सप्ताह बीत चुके हैं और प्रधानमंत्री और शाह दोनों कथित रूप से संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
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इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को यह निर्देश दे कि पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जो शिकायत की गई है, उसमें आयोग कार्रवाई करे। सुष्मिता देव की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर ‘‘धोखा’’ किया। उन्होंने इस पर निगरानीकर्ता, चुनाव आयोग की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया। सिंघवी ने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए कोर्ट का रुख करने का हक है। हम इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं। साथ ही चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को ‘इलेक्शन ओमिशन’ कहते हुए आचार संहिता को ‘‘मोदी कोड आफ कंडक्ट’’ करार दिया।
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सिंघवी ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है। वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना। साथ ही सिंघवी ने यह भी कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों के आधार पर कई नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए कार्रवाई की है। हम इसकी तारीफ करते हैं। क्योंकि मिसाल कायम की गई है, लेकिन मोदी और शाह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।