आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के सौ शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। 57,613 करोड़ रुपए में से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। बाकी की धनराशि राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी। इस योजना से दस सालों के लिए बस ऑपरेटर्स को सपोर्ट किया जाएगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये योजना तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। ये योजना दस वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। कैबिनेट ने 13,000 करोड़ रुपए की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है।
30 लाख शिल्पकार परिवारों को लाभ
आईटी मंत्री ने कहा इससे शिल्पकारों को एक लाख रुपये तक का लोन पांच प्रतिशत पर दिया जाएगा। विश्वकर्मा योजना से 30 लाख शिल्पकार परिवारों को लाभ होगा। छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले व मूर्तिकार आदि शामिल हैं।
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रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके अलावा कैबिनेट ने 14,903 करोड़ रुपए के खर्च के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी। डिजीलॉकर वर्तमान में केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध है और अब इसके 40 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। जल्द ही एमएसएमई के लिए डिजीलॉकर का नया एक्सटेंशन लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।