आरयू वेब टीम। बिहार में चमकी बुखार से मासूम बच्चों के जान जानें का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए दोनों सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से सात दिनों में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बीमारी की रोकथाम और बच्चों के इलाज को लेकर उठाए जा रहे कदमों का ब्यौरा भी मांगा है। हालांकि सुनवाई के दौरान बिहार सरकार अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हालात अब काबू में हैं।
इसके जवाब में कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि चीजें इस तरह से नहीं चल सकतीं। सरकार को जवाब देना होगा। अदालत ने तीन मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। ये तीन मुद्दे हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन का है। अदालत की तरफ से कहा गया है कि ये सभी लोगों के मूल अधिकार हैं और उन्हें निश्चित रूप से मिलना ही चाहिए।
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गौरतलब है कि बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से अब तक 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की मौत के मामले से जुड़ी दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि अदालत की तरफ से बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं और साथ ही केंद्र सरकार को इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए।
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बिहार में बीते एक महीने से एइएस या चमकी बुखार को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। अब तक इससे 152 बच्चों की मौत हो गई है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अब तक 110 बच्चों की मौत हो चुकी है और कई बच्चों का इलाज चल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं केंद्र सरकार भी बच्चों की लगातार हो रही मौत पर कुछ भी कहने से बच रही है