आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उसे कोर्ट ने 1996 में दर्ज एक मामले में सजा सुनाई है। गुरुवार को मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट गाजीपुर ने गैंगस्टर के मामले में दस साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में पिछले दिनों कोर्ट में बहस पूरी हो गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट पहले ही मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार दे चुका था। दोपहर दो बजे कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया।
मुख्तार अंसारी की तरफ से दलील दी गयी कि गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए जिन पांच मुकदमों को आधार बनाया गया था उनमें से चार में वह बरी हो चुका है। दरअसल कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मुकदमें का ट्रायल अभी चल रहा है। इस केस में अभी फैसला नहीं आया है, जिन मुकदमों को आधार बनाकर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई, जब उनमें से ही अभी तक किसी में सजा नहीं हुई है तो गैंगस्टर मामले में सजा उचित नहीं है।
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ सदर कोतवाली गाजीपुर में 1996 में गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। पांच मुकदमों के आधार पर मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय मर्डर केस और एडिशनल एसपी पर हुए जानलेवा हमले भी इन पांच मुकदमों में शामिल हैं।
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इस मामले में कोर्ट ने 26 साल बाद सजा सुनाई है। गैंगस्टर एक्ट का ये मामला अवधेश राय की हत्या, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह हत्याकांड, कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या, एडिशनल एसपी पर हमले और गाजीपुर में पुलिसकर्मियों पर हमले के मामलों को लेकर एक साथ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था, जबकि मुख्तार अंसारी ने ईडी के अफसरों से केस का फैसला आने तक पूछताछ नहीं करने का अनुरोध किया था।