इतिहास में पहली बार सूरज छूने को NASA ने लॉन्‍च किया स्पेसक्राफ्ट

लॉन्‍च किया स्पेसक्राफ्ट

आरयू इंटरनेशनल डेस्‍क। 

नासा के मिशन सूर्य नमस्कार की शुरुआत हो चुकी है, जिसके जरिए नासा ने सूर्य के सबसे नजदीक जाने का जोखिम उठाया है। इसे रविवार को दोपहर बाद 3:31 बजे नासा का पार्कर सोलर प्रोब स्पेसक्राफ्ट लॉन्च कर दिया गया है। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सफर पर निकल चुका है। यह सूर्य के सबसे नजदीक जाकर उसके राज खोलने के लिए आंकड़े जुटाएगा।

इस मिशन से सौर हवाओं से धरती पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी। नासा ने इस मिशन को “टच दा सन” नाम दिया है, क्योंकि ये पहला ऐसा मिशन है, जो सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा। इस स्पेसक्राफ्ट की गति सात लाख 16 हजार किलोमीटर प्रति घंटे है। यह पृथ्वी से सूर्य के बीच 1496 करोड़ किलोमीटर की दूरी चार महीने में पूरी कर लेगा।

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नवंबर में जब नासा का स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचेगा, तब सूर्य की सतह से उसकी दूरी करीब 62 करोड़ किलोमीटर होगी। इस मिशन को लेकर नासा के वैज्ञानिक निकोला फोक्स का कहना है, ‘हम सूर्य के बहुत नजदीक तक पहुंच रहे हैं, जैसा कि कारेन फॉक्स भी कह चुके हैं कि हम वहां तक पहुंच गए थे, जहां से सूर्य की सतह महज 3.84 मील दूर थी, लेकिन अब हम सात शुक्र के गुरुत्वाकर्षण बल का इस्तेमाल करेंगे और धीरे-धीरे सूर्य की सतह के और नजदीक पहुंच जाएंगे यानी हम सूर्य की अपनी कक्षा में पहुंचने से पहले सात बड़े कदम बढाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘हम वहां खाली हाथ नहीं जा रहे। हम अपने साथ उपकरणों का जखीरा लेकर जा रहे हैं। ये उपकरण उस माप में सहायक होंगे, जिसकी कल्पना हम अब तक करते रहे हैं। कार के आकार का सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट सूर्य के इतने करीब पहुंचेगा, जहां आज तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं पहुंच पाया है, लेकिन सूर्य के इतने नजदीक पहुंचकर भी उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।

जब ये स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक होगा, तब वहां के वातावरण का तापमान 1400 डिग्री सेल्सियस होगा। तापमान से स्पेसक्राफ्ट को बचाने के लिए करीब 12 सेंटीमीटर मोटी हीट शील्ड लगाई गई है, जो सूर्य की किरणों से इसकी हिफाजत करेगा। इसे थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है, जो इसे सोलर रेडिएशन के प्रभाव से नष्ट होने से बचाएगा।

सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट में लगा थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम सूर्य की रेडिएशन से 500 गुना ज्यादा रेडिएशन को सहन कर सकता है। सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट में एक वॉटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे इसके सोलर पैनल सूर्य की ऊर्जा से नष्ट होने से बचेंगे।

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