आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कैसरबाग इलाके में शुक्रवार की देर रात बुजुर्ग संजय सनवाल की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके ही एक जानने वाले युवक ने की थी। साथ में शराब पीने के दौरान युवक संजय के नपुंसक कहने पर भड़का था, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी। कैसरबाग पुलिस ने हत्या की छानबीन करते हुए दूसरे ही दिन आरोपित युवक को बर्लिंग्टन चौराहे से गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। वहीं पुलिस ने युवक के घर से उसका रक्तरंजित कपड़ा भी बरामद कर लिया है।
एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने रविवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि मकबूलगंज निवासी संजय सनवाल(60) मोहल्ले के ही जिस एलआइसी एजेंट प्रसून मिश्रा के साथ बतौर सहायक के रूप में काम करता था। उसी के सबसे छोटे भाई प्रतीक मिश्रा ऊर्फ दीपक (30) के साथ उसकी दोस्ती भी थी। दोनों अकसर साथ बैठकर शराब पीते थे।
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हमेशा की तरह शुक्रवार की देर रात भी दोनों संजय के घर में शराब पी रहे थे। इसी बीच बातों ही बातों में संजय ने नशे में प्रतीक को नपुंसक कहते हुए यहीं वजह उसकी शादी नहीं होने की भी बता दी। ये बात प्रतीक को इतनी नागवार गुजरी की उसने वहीं रखें हेल्मेट से संजय के सिर पर ताबड़तोड़ वारकर उसकी जान ले ली।
हत्या को आत्महत्या दर्शाने की कोशिश
प्रतीक ने पुलिस को बताया कि नशे में संजय की जान लेने के बाद उसने उसकी लाश को पंखे के तार के सहारे लटकाने की भी कोशिश की। हालांकि तार छोटा पड़ जाने के चलते वह ऐसा नहीं कर सका। जिसके बाद वह शव को वहीं छोड़कर भाग निकला।
काम छिन जाने से भी नाराज था प्रतीक
कैसरबाग कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर आदर्श कुमार सिंह ने बताया प्रतीक पहले अपने भाई प्रसून के साथ काम करता था। जिसके एवज में उसे दो सौ रुपए मिलते थे, लेकिन कुछ समय पहले भाई ने उसकी जगह संजय से काम लेना शुरू कर दिया था। जिसके चलते उसके पास जेब खर्च के भी पैसे नहीं रहते थे। इस बात को लेकर भी वह संजय से नाराज था।
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सुबह देखे जाने की बात निकली फर्जी
बता दें कि संजय सनवाल की हत्या के बाद ये बात सामने आयी थी कि वह सुबह करीब साढ़े पांच बजे अपने घर के बाहर बैठे थे। हालांकि प्रतीक ने बताया उसने संजय की हत्या रात करीब एक बजे ही कर दी थी। इस बारे में एएसपी पश्चिम ने बताया कि दोबार पड़ताल में संजय को सुबह देखे जाने की बात सही नहीं निकली।
गिरफ्तारी में इनकी रही भूमिका
इंस्पेक्टर कैसरबाग डीके उपाध्याय, निरीक्षक आदर्श कुमार सिंह, एसआइ राजेश सिंह, शिव बहादुर सिंह, कांस्टेबल राजेश्वर, हरेंद्र कुमार, अरुण मिश्रा व मुनेश कुमार।