इंदौर में भरभराकर गिरा जर्जर होटल, 10 की मौत, मुआवजे व जांच का ऐलान

इंदौर में गिरा होटल
हादसे के बाद मलबा हटाती जेसीबी।

आरयू वेब टीम। 

इंदौर जिले में भयावह हादसे में यहां तीन मंजिला होटल-सह-लॉज ढहने से दो महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गयी। ​जिला प्रशासन ने करीब 60 साल पुराना भवन ढहने की जानलेवा दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के समय जर्जर हो चुके होटल में मरम्‍मत का काम चल रहा था।

छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी संजू कामले ने मीडिया को बताया ​कि होटल का मलबा हटाकर बीती रात 12 लोगों को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय पहुंचाया गया है। जिनमें दो महिलाओं समेत 10 लोगों को डॉक्‍टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि दो अन्य लोगों का इलाज जारी है। कामले ने बताया कि होटल की करीब 60 साल पुरानी इमारत की हालत अंदर से जर्जर थी।

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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले चार लोगों की पहचान राकेश राठौर (26), राजू सेन (40), आनंद पोरवाल 27 और हरीश सोनी (65) के रूप में हुई है। सोनी होटल का मैनेजर था। दो महिलाओं समेत छह अन्य मृतकों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि होटल के साथ चलाये जा रहे लॉज के रजिस्टर में हाल ही की अलग-अलग तारीखों में करीब 40 मेहमानों के नाम दर्ज पाये गये हैं। होटल में सात-आठ कर्मचारी काम करते थे। हालांकि, फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि हादसे के वक्त कितने लोग होटल में मौजूद थे। तमाशबीनों की भीड़ के कारण कल रात राहत और बचाव कार्य में अधिकारियों को बाधा आई। नतीजतन हल्का बल प्रयोग कर तमाशबीनों को मौके से खदेड़ा गया।

सीएम ने जतया अफसोस मुआवजे का ऐलान

वहीं दूसरी ओर इस हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा दुःख व्यक्‍त किया है। साथ ही उन्‍होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। जबकि हादसे में घायल लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर किया जाएगा।

दूसरी ओर जिलाधिकारी निशांत वरवड़े ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी स्तर के ​अधिकारी को सौंपा गया है।

नगर निगम पर भी उठें सवाल

बेहद जर्जर हालत के इस होटल में हादसा होने के बाद अब इंदौर नगर निगम (आईएमसी) पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि उसने होटल की जर्जर इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए इसे खाली कराने और ढहाने का कदम समय रहते क्यों नहीं उठाया।

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इस बारे में आईएमसी के आयुक्‍त मनीष सिंह ने सफाई देते हुए मीडिया को बताया कि होटल की इमारत बरसों पुरानी थी। इसकी निर्माण शैली भी पुरानी थी, लेकिन इसके मालिक ने बाहरी रंग-रोगन कर इसका हुलिया चमका रखा था। उन्होंने कहा यह बात सामने आयी है कि इमारत में पिछले कुछ दिनों से सुधार कार्य चल रहा था। यह भी मालूम पड़ा है कि भयावह हादसे से ऐन पहले इमारत की एक दीवार गिरी। इसके कुछ देर बाद पूरी इमारत ढह गयी। इससे सटे दो भवनों को भी थोड़ा नुकसान पहुंचा है। सावधानी के तौर पर दोनों भवनों को खाली करा लिया गया है।

उनका दावा है कि आईएमसी इस बात की भी जांच कर रहा है कि हादसे की शिकार होटल के मालिक ने इस भवन में कितना अवैध निर्माण कर रखा था। वहीं कुछ चश्मदीदों का कहना था कि कल रात एक कार के होटल के पिलर से टकराने के बाद इसकी इमारत जोरदार आवाज के साथ देखते ही देखते गिर गयी और इसमें मौजूद लोग मलबे में दब गये। आईएमसी आयुक्त ने कहा कि हादसे के कारण के तौर पर कार की टक्कर वाले पहलू को फिलहाल खारिज नहीं किया जा सकता। इस सिलसिले में विस्तृत जांच की जा रही है।