CBSE पेपर लीक मामले में दो टीचरों समेत तीन गिरफ्तार, जानें कैसे लीक हुआ था पेपर

पेपर लीक के आरोपित
क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में पेपर लीक कराने के तीनों आरोपित (चेहरा बंधा हुआ)। (फोटो-साभार)

आरयू वेब टीम। 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 12वीं और दसवीं कक्षा के पेपर लीक मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। क्राइम ब्रांच की एसआइटी टीम ने पेपर लीक मामले में बाहरी दिल्ली से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो स्कूल शिक्षक और एक कोचिंग सेंटर के मालिक को इस मामले में धर दबोचा है। इन पर आरोप है कि इन्होंने फोटो क्लिक कर कोचिंग सेंटर वाले को दिया था। इनके जरिए पेपर छात्रों तक पहुंचा। इन आरोपितों ने 12वीं का पेपर लीक किया था। अभी 10वीं के मामले में पुलिस की छापेमारी जारी है।

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क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने दिल्‍ली में मीडिया को बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में कोचिंग सेंटर का तौकीर और पब्लिक स्कूल के दो टीचर रिषभ व रोहित शामिल हैं। इसमें से दोनों टीचर परीक्षा शुरू होने से करीब एक घंटे पहले ही पेपर खोल लेते थे और उसे कोचिंग सेंटर के तौकीर की मदद से इच्छुक छात्रों को सर्कुलेट करते थे। अब पुलिस आरोपितों से पूछताछ के आधार पर सीबीएसई का पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड की खोज में भी जुट गई है।

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बताते चलें कि पुलिस ने शनिवार को बताया था कि सीबीएसई पेपर लीक मामले में 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है जिसमें 53 छात्र शामिल हैं। गणित के पेपर से जुड़ी शिकायत पर बोर्ड ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले लीक के बारे में सीबीएसई अध्यक्ष की अधिकारिक ईमेल आईडी पर एक ई-मेल आया था। उन्होंने बताया कि ईमेल भेजने वाले ने कहा था कि गणित का पेपर व्हाट्सएप पर लीक हो गया है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

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गौरतलब है कि हाईस्‍कूल के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा क्रमश: 28 मार्च और 26 मार्च को हुई थी। जिसके पेपर लीक होने का मामला सामने आते ही देश भर में हड़कंप मचा है। मामले की जांच के लिए पुलिस के दो उपायुक्तों, चार सहायक पुलिस आयुक्तों और पांच निरीक्षकों का एक विशेष जांच दल गठित किया गया है। यह दल संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) की निगरानी में काम कर रहा है।