आरयू वेब टीम। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान आज मुंबई के एनसीबी दफ्तर पहुंचे। जेल से रिहाई के बाद आर्यन पहली बार एनसीबी ऑफिस पहुंचे हैं। आर्यन खान को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत की शर्तों में ये शामिल था कि आर्यन हर शुक्रवार को एनसीबी दफ्तर हाजिरी देने पहुंचेंगे। उसी शर्त के तहत आर्यन एनसीबी ऑफिस पहुंचे और करीब एक घंटे बाद वो वापस भी लौट गए। आर्यन के अलावा मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट भी हाजिर हुए।
शाहरुख खान और उनकी निर्माता पत्नी गौरी के बेटे आर्यन खान 29 दिनों की लंबी निगरानी को खत्म करते हुए 30 अक्टूबर को आर्थर रोड सेंट्रल जेल (एआरसीजे) से रिहा होकर अपने घर ‘मन्नत’ पहुंचे थे। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश के मुख्य अंश को उपलब्ध कराया, जिसमें आर्यन खान और मामले के सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा पर 14 शर्तें लगाई गई हैं। तीनों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके और इतनी ही राश की दो जमानत पर रिहाई का आदेश दिया गया है।
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ये हैं जमानत की 14 शर्तें
- कोर्ट के मुताबिक आर्यन खान और दो सह-आरोपियों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धामेचा को एक लाख रुपए का पर्सनल बॉन्ड जमा करना होगा। साथ ही कम से कम एक या ज्यादा जमानती देना होगा।
- कोर्ट के मुताबिक अभियुक्त को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि वह इस तरह के किसी मामले में दोबारा शामिल न हों, जिसके आधार पर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधों के लिए शिकायत दर्ज की गई है।
- मामले के दूसरे आरोपियों या व्यक्ति से संपर्क या बातचीत नहीं करेंगे।
- आरोपी ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो कोर्ट की कार्यवाही या आदेशों पर विपरीत असर डालती हो।
- अभियुक्त सीधे या किसी के ज़रिए गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे।
- कोर्ट की ओर से आदेश में कहा गया है कि सभी अभियुक्तों को अपना पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट में जमा करना होगा।
- इस केस को लेकर मीडिया या सोशल मीडिया में कोई बयान नहीं देना है।
- एनडीपीएस कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते।
- कोर्ट ने कहा है कि मुंबई से बाहर जाने के लिए अभियुक्तों को जांच अधिकारी को इस संबंध में जानकारी देनी होगी और उन्हें जांच अधिकारियों को सभी ज़रूरत की जानकारियां उपलब्ध करानी होंगी।
- हर शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ऑफिस में सुबह 11 से दोपहर दो बजे के बीच आना होगा।
- कोर्ट की ओर अपने आदेश में कहा गया है कि जब तक कोई ज़रूरी कारण न हो, कोर्ट में सुनवाई की हर तारीख पर अभियुक्तों को उपस्थित होना होगा।
- कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एक बार जब केस का ट्रायल शुरू हो जाए तो अभियुक्त किसी भी तरह ट्रायल में देरी का कारण नहीं बनेंगे।
- जब भी जांच के लिए एनसीबी अभियुक्तों को बुलाएगी, उन्हें उपस्थित होना होगा। कहा कि अगर किसी कारण से अभियुक्त जांच में शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो उन्हें इसके संबंध में जांच अधिकारियों को पहले ही सूचना देनी होगी।
- कोर्ट ने कहा, यदि आरोपी इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करता है, तो एनसीबी उनकी जमानत रद्द करने के लिए सीधे स्पेशल कोर्ट में आवेदन करने का हकदार होगा।