आरयू वेब टीम। रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। उन्होंने 86 साल की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में कल देर रात अंतिम सांस ली। उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा समेत कई राज्यों के राज्यपालों और दिल्ली के उपराज्यपाल ने शोक जताया। साथ ही भारी संख्या में दिग्गज व आम लोग अंतिम दर्शन व श्रद्धांजलि के लिए दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (एनसीपीए) पहुंचे।
इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी रतन टाटा का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं रतन टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समूह की तरफ से संदेश जारी किया। चंद्रशेखरन ने पद्मविभूषण रतन टाटा योगदान को अतुल्य बताया।
वहीं रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी रतन टाटा के अंतिम दर्शनों के लिए एनसीपीए ग्राउंड पहुंचे। इस दौरान शक्तिकांत ने कहा कि ‘रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति थे और उनका कारोबारी प्रशासन में नैतिकता पर बड़ा जोर था। मुझे लगता है कि जब भी भारत का आर्थिक इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें रतन टाटा की उपलब्धियों का जरूर जिक्र किया जाएगा। वह भारत के सच्चे सपूत और एक अद्भुत व्यक्ति थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’
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इस दौरान आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला भी दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल रतन टाटा के अंतिम दर्शनों के लिए एनसीपीए लॉन पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। साथ ही पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर रतन टाटा के कोलाबा स्थित आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं।
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रतन टाटा के निधन पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ‘मुझे भारत के सच्चे ‘रत्न’ को जानने का सौभाग्य मिला है, मैंने उनके साथ काम किया है, मैंने उन्हें करीब से देखा है और मैं आपको बता सकता हूं कि यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। यह पूरे समूह के लिए एक असहनीय और अविश्वसनीय क्षति है और सबसे बढ़कर रतन टाटा दिग्गज व्यवसायी के साथ ही एक बहुत ही अच्छे इंसान थे। उन्होंने जीवन को अपनी शर्तों पर जिया। उन्होंने कभी भी आवश्यक चीजों से समझौता नहीं किया और जिस भी क्षेत्र को उन्होंने छुआ, उन्होंने कभी भी जोखिम लेने और उसे पूर्णता तक ले जाने में संकोच नहीं किया। उन्होंने टाटा को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक जाना-माना नाम बनाकर भारत को गौरवान्वित किया है। मैं उन्हें बहुत याद करूंगा।’
‘करोड़ों लोगों की प्रेरणा…
वहीं सुहेल सेठ रतन टाटा को याद कर भावुक होते हुए कहा कि रतन टाटा का जाना करोड़ों लोगों को दुखी कर गया है और जो लोग उनसे मिले या उनसे जुड़े रहे, वे भावुक हैं। उन्होंने कहा कि ‘रतन टाटा को उनकी विनम्रता, परोपकार और दयालुता के लिए याद रखा जाएगा। वह करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा थे, जिन्होंने साहस के साथ जिंदगी जी और देश के लिए उनका प्यार बहुत ज्यादा था। मुझे नहीं लगता कि देश में कोई और रतन टाटा होगा। वह एक अलग तरह के इंसान थे। वह भारत पर एक छाप छोड़कर गए हैं, उनका हर भारतीय के जीवन पर प्रभाव है।’