आखिरकार 69 साल बाद टाटा के पास लौटा एयर इंडिया, अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई पूरी

टाटा समूह

आरयू वेब टीम। 69 साल बाद आखिरकार विमानन कंपनी एयर इंडिया एक बार फिर से टाटा समूह के पास वापस लौट गया है। इसे मोदी सरकार के निजीकरण कार्यक्रम की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एयर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और एयर इंडिया को टाटा ग्रुप में वापस पाकर हम सभी बेहद खुश हैं।

उन्होंने कहा कि हम विश्व स्तरीय लाइन बनाने में सभी के साथ काम करने के लिए उत्सुक भी हैं। उन्होंने कहा कि टाटा समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुधारों को लेकर प्रतिबद्धता और भारत की उद्यमी भावना में भरोसे से पूरी तरह वाकिफ है।

निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि एयर इंडिया में सौ प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा की कंपनी टैलेस प्राइवेट लि. को हस्तांतरित करने के साथ एयरलाइन का रणनीतिक विनिवेश आज सफलतापूर्वक पूरा हुआ।

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साथ ही कहा कि एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेन-देन आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें प्रबंधन नियंत्रण के साथ एयर इंडिया के सौ प्रतिशत शेयरों को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया। सामरिक भागीदार के नेतृत्व में एक नए बोर्ड ने एयर इंडिया का कार्यभार संभाला। एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया आज समाप्त होती है। शेयरों को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया है, टैलेस प्राइवेट लिमिटेड एयर इंडिया की नई मालिक है। एयर इंडिया अब सरकार के अधीन नहीं रहा।

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बता दें कि टाटा समूह ने पिछले साल अक्टूबर में एअर इंडिया एक्सप्रेस के साथ एअर इंडिया और एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली लगाई थी। गौरतलब है कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अक्टूबर, 2021 को कर्ज में डूबी एअर इंडिया के अधिग्रहण के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। टाटा समूह 2,700 करोड़ रुपये नकद चुकाएगा और एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज अपना लेगा।

सौदे में एयर इंडिया एक्सप्रेस और उसकी इकाई एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है। एयर इंडिया की चार अनुषंगी -एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेस लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ गैर प्रमुख संपत्तियों आदि को विशेष प्रयोजन इकाई में स्थानांतरित किया गया था।

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